नाहन, 10 फरवरी : मूलतः सराहां की रहने वाली शालिनी चौहान ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा में सफलता अर्जित की है। ये सफलता इस कारण अहम है, क्योंकि वो न केवल एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस फरीदाबाद में नौकरी कर रही थी, बल्कि कोई कोचिंग भी नहीं ली।
शालिनी को अगर रोजगार देने वाले इंस्टीट्यूट से छुट्टी नहीं मिलती तो वो अपने सपने को साकार करने से वंचित रह सकती थी। अमूमन, वैश्विक महामारी जैसे दौर में स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा अपने स्टाफ को परीक्षा की तैयारी के लिए लंबी छुट्टी देने का सवाल ही पैदा नहीं हो रहा था। लेकिन एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस फरीदाबाद ने न केवल छुट्टी दी, बल्कि तैयारी में भी मदद की।
माता पदमावती काॅलेज ऑफ़ नर्सिंग से बीएससी करने के बाद शालिनी को फरीदाबाद में जाॅब मिल गई, लेकिन वो एम्स में ही सेवाएं देना चाहती है।
24 वर्षीय शालिनी चौहान ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में माता-पिता के अलावा शिक्षकों का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि पहले माता पदमावती काॅलेज ऑफ़ नर्सिंग के स्टाफ ने कैरियर को बनाने में हेल्प की, इसके बाद प्लेसमेंट भी मिल गई। उन्होंने खास तौर पर एशियन इंस्टीटयूट ऑफ़ मेडिकल साईंस फरीदाबाद का आभार भी जताया है।
बता दें कि शालिनी के पिता दलीप सिंह बिजली बोर्ड में एसडीओ के पद पर नाहन में ही कार्यरत हैं, जबकि मां सत्या देवी गृहणी हैं। छोटी बहन, काॅलेज की पढ़ाई कर रही है, जबकि छोटा भाई छठी कक्षा में शिक्षा ग्रहण कर रहा है।