हरिपुरधार, 3 फरवरी: पड़ोसी जनपद शिमला की कुपवी तहसाल की धार चांदना पंचायत के भावत क्षेत्र में 22 साल की सरिता को तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो जाती है। परिवार उसे निजी कार में राजगढ़ से होते हुए सोलन पहुंचने का सफर शुरू करता है। हल्की-हल्की बर्फबारी शुरू होती है, लेकिन चाड़ना के समीप पहुंचते ही कार के पहिए जाम हो जाते हैं, क्योंकि बर्फबारी के कारण हरिपुरधार-सोलन मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।
इसी बीच प्रसव पीड़ा भी तेज होती जाती है। ऐसे में परिवार को 108 के ईएमटी बलबीर का कांटेक्ट नंबर मिल जाता है। वो 108 में प्रसूति करवाने के माहिर भी माने जाते हैं। इत्तफाकन डयूटी के बाद बलबीर घर पर ही मौजूद थे। सूचना मिलते ही वो मौके पर पहुंच जाते हैं। स्थिति ऐसी थी कि नजदीक ही सीएचसी चाड़ना तक भी पहुंचाना कठिन हो रहा था। तुरंत ही कार में ही डिलीवरी करवाने का निर्णय लिया।
दोपहर 1ः05 बजे सरिता पत्नी लाल सिंह की गोद में बेटी की किलकारी गूंज उठी। इसी बीच सीएचसी चाड़ना में तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम भी सक्रिय हो चुकी थी। तुरंत ही सीएचसी के प्रभारी डाॅ. मनजीत ने जच्चा व बच्चा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाने में भूमिका निभाई। नन्ही परी व मां के स्वास्थ्य लाभ के लिए टीम में डाॅ. शोभित, हैल्थ वर्कर इन्द्रपाल, फार्मासिस्ट अंजना शर्मा व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शकुंतला की भी भूमिका प्रशंसनीय रही।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में सीएचसी चाड़ना के प्रभारी डाॅ. मनजीत ने बताया कि ये एक हाई रिस्क डिलीवरी थी। महिला का कई बार पहले गर्भपात हो चुका था। कोई भी लेटेस्ट अल्ट्रा साउंड उपलब्ध नहीं था, जिससे गर्भ में शिशु से जुड़ी जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि जच्चा व बच्चा स्थिर हैं।
गौरतलब है कि संगड़ाह उपमंडल में भारी हिमपात के कारण आम जन जीवन खासा प्रभावित हो गया है। इसी बीच हैरान कर देने वाली बात ये भी है कि सरकार इस क्षेत्र को स्नो बाउंड एरिया घोषित नहीं करती है। हरिपुरधार से नौहराधार रोड की बहाली के लिए स्नो कटर तो सपने के बराबर है। स्थाई रूप से जेसीबी तक उपलब्ध नहीं है।
खैर, ऐसे हालात में ईएमटी व स्वास्थ्य विभाग की टीम पहाड़ी क्षेत्र की महिला के लिए मसीहा से कम साबित नहीं हुई।