मंडी, 3 फरवरी : जिला ने पढ़ना-लिखना अभियान के तहत वर्ष 2021-22 में दिए गए अपने टारगेट को पूरा कर जिला में 15 से 80 वर्ष के 33 हजार 896 लोगों को साक्षर किया है। जिसमें अपनी अहम भूमिका निभाने वाले 4311 वालिंटियर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान वालिंटियर को वीरवार को डाइट मंडी में आयोजित एक जिला स्तरीय समारोह में दिया गया।
समारोह में एडीएम मंडी राजीव कुमार ने मुख्यअतिथि के रूप में शिरकत कर बीआरसी व बीईईओ को अपने हाथों से वालिंटियरों के प्रशस्ति पत्र प्रदान किए व सभी को इस बेहतरीन कार्य करने के लिए बधाई भी दी। जिला परियोजना अधिकारी मंडी व डाइट प्रधानाचार्य बलबीर भारद्वाज ने इस मौके पर जानकारी देते हुए बताया कि मंडी जिला में पढ़ना लिखना अभियान के तहत ऐसे लोगों की पहचान की जो किसी कारण से बेसिक पढ़ाई से भी अनजान हैं।
उसके बाद जिला में ऐसे लोगों को साक्षर करने के लिए वालिंटियरों को ट्रेंड किया गया और उनके प्रयासों से मंडी जिला में आज 15 से 80 वर्ष के 33 हजार 896 लोगों को साक्षर किया गया। उन्होंने बताया कि शिक्षा लेने वालों को नेशनल ओपन स्कूल में असेसमेंट होने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए गए हैं जो शिक्षार्थियों को आने वाले समय में किसी प्रकार की अन्य शिक्षा के लिए मान्य होंगे।
उन्होंने बताया कि मंडी जिला में 2011 की जनगणना के अनुसार कुल 1 लाख 58 हजार 301 लोग निरक्षर हैं जिनमें 43 हजार 24 पुरुष व 1 लाख 15 हजार 277 महिलाएं शामिल हैं। इसी के चलते जिला में प्रथम चरण में 33 हजार 896 लोगों को 4311 वालेंटियरों ने अपना योगदान दिया।
इस कार्यक्रम में मेयर दीपाली जसवाल, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक अमरनाथ राणा, राजेंद्र मोहन, पुष्पराज कात्यान, विनोद बहल, अनिल शर्मा सहित जिला साक्षर समिति के सभी पदाधिकारी भी मौजूद रहे।