ऊना, 27 जनवरी : भारतीय टीम के कप्तान रहे पूर्व हॉकी ओलंपिक एवं पद्मश्री सम्मान से नवाजे जा चुके चरणजीत सिंह का निधन हो गया है। वह 92 साल के थे। ऊना में उन्होंने अपने घर पर गुरुवार सुबह 5 बजे अंतिम सांस ली।
उनके पुत्र वीपी सिंह और भाई एवं पूर्व भारतीय हॉकी टेस्ट टीम के खिलाड़ी भूपिंदर सिंह ने पूर्व हॉकी ओलंपियन एवं पद्मश्री चरणजीत सिंह के निधन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पद्मश्री चरणजीत सिंह करीब 7 वर्ष से बीमार चल रहे थे। चरणजीत खेलों को बढ़ावा देने के लिए हमेशा तत्परता से सहायता प्रदान करते रहे। चरणजीत सिंह के निधन के बाद डीसी राघव शर्मा, एसपी अर्जित सेन ठाकुर समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके निवास पर पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
गौरतलब है कि वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। जानकारी के अनुसार, चरणजीत सिंह जिला मुख्यालय के पीरनिगाह रोड पर रहते थे। उनका जन्म 3 फरवरी 1931 को ऊना में ही हुआ था। वह पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और 1964 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक हॉकी टीम के कप्तान रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने 1964 में टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीता था।
हाल ही में हुए टोक्यो ओलंपिक के दौरान भारतीय हॉकी टीम के दमदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए इसे भारतीय हॉकी के स्वर्णिम युग का वापस आना करार दिया था।
उधर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर तथा छठे राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने पद्मश्री चरणजीत सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
कंवर व सत्ती ने कहा कि चरणजीत सिंह ने जीवन में ईमानदारी व अनुशासन को हमेशा वरीयता दी और एक पूरी पीढ़ी को खेलों के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि चरणजीत सिंह की दुखद मृत्यु खेल जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है।