हमीरपुर, 21 जनवरी : युद्धपोत आईएनएस रणवीर विस्फोट में शहीद हुए बड़सर विधानसभा क्षेत्र के सुरेंद्र ढटवालिया को शुक्रवार को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। सुरेंद्र ढटवालिया की पार्थिव देह सुबह उनके पैतृक गांव सठवीं पहुंची। पार्थिव देह के घर पहुंचते ही मां बेसुध हो गई। पत्नी व बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों व गांव वालों ने उन्हें ढांढस बंधाया। सठवीं में सैन्य सम्मान के साथ शहीद सुरेंद्र ढटवालिया का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद सुरेंद्र ढटवालिया को उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी।
बता दें कि मंगलवार को युद्धपोत आईएनएस में हुए विस्फोट में तीन जवानों की मौत हो गई थी। इस विस्फोट में हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के उपमंडल बड़सर की ग्राम पंचायत सठवीं के सुरेंद्र ढटवालिया भी शहीद हो गए थे।
शहीद सुरेंद्र ढटवालिया अपने पीछे माता केहरो देवी पत्नी, नीलम कुमारी एवं दो छोटी-छोटी बेटियां अंशिका और काजल को छोड़ गए हैं। सुरेंद्र लगभग 30 वर्षों से भारतीय नौसेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे और 2 महीने पहले ही अपने घर पर छुट्टी पर आए थे। किसी को क्या पता कि 2 महीने बाद देश के लिए शहादत का जाम पीकर उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचेगा। जांबाज सैनिक सुरेंद्र ने युद्धपोत आईएनएस में हुए विस्फोट में शहादत पाई है। उनकी शहादत का समाचार सुनकर पूरे उपमंडल में सन्नाटा पसर गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरेंद्र सिंह बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे, हर किसी की मदद करने के लिए हर समय तैयार रहते थे। वह एक साधारण परिवार से निकले थे। पिता किसान और माता ग्रहणी थी, 15 वर्ष पहले उनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी। उन्होंने अपनी मैट्रिक की शिक्षा 1991-92 में गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल महारल से की थी। मैट्रिक की शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत 1994 में उनका चयन भारतीय नौसेना में हुआ था।