मंडी, 15 जनवरी : 15 जनवरी का दिन जहां पूरे भारत में सेना के 74वें दिवस के रूप में मनाया गया। वहीं शनिवार को इस मौके पर मंडी में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हिमाचल प्रदेश भूतपूर्व सैनिक लीग के जिला पूर्व सैनिकों ने 74 वें सेना दिवस पर शहर के इंदिरा मार्केट स्थित शहीद स्मारक पर भारतीय सेना में विभिन्न युद्धों में देश की रक्षा में अपना बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
इसके साथ ही दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को याद किया गया। इस कार्यक्रम में सेवानिवृत कर्नल एम के मंडयाल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की व एक्स सर्विसमैन लीग की रिवालसर, करसोग, चच्योट व कोटली इकाई के पदाधिकारियों ने भाग लिया। भूतपूर्व सर्विसमैन लीग के चेयरमैन कर्नल प्रताप सिंह ने कहा कि देश की आजादी के लिए आज तक हजारों सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी है और जब सरहद पर एक सैनिक पहरा देता है तो पूरा देश चैन की नींद सोता है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के अनेक सूर वीरों ने अलग-अलग युद्धों में चार परमवीर चक्र और 100 से ज्यादा अन्य पदक व मेडल प्रदेश की झोली में डाले हैं जो कि सभी प्रदेशवासियों के लिए बड़े ही गर्व की बात है। लीग ने सैनिक कल्याण बोर्ड हिमाचल प्रदेश से मांग की है कि शहीदों की विधवाओं और उनके परिवारजनों को जो सुविधाएं सरकार की तरफ से मिलनी चाहिए थी वह अभी तक नहीं मिल पाई हैं।
उन्होंने सरकार और प्रशासन से आग्रह किया है कि वह सुविधाएं उन्हें जल्द से जल्द दी जाए, जिसके सैनिकों के परिवार जन हकदार हैं।
बता दें कि 15 जनवरी 1949 को अंतिम ब्रिटिश कमांडर के स्थान पर पहले भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा को बनाया गया था, जिन्हें बाद में फील्ड मार्शल की उपाधि से भी नवाजा गया। भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर इन चीफ बनने पर ही हर वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।