शिमला, 10 जनवरी : हिमाचल प्रदेश पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों पर राज्य में साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाएगी। प्रदेश में महिलाओं से ज्यादा पुरुष साइबर अपराधों का शिकार होते हैं। इंटरनेट के जरिए होने वाले अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2021 में हिमाचल पुलिस के पास साइबर अपराधों की 8500 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से 77% शिकायतें पुरुषों की थीं। इंटरनेट और साइबर सुरक्षा अब सभी नागरिकों का मौलिक अधिकार है।
मानवाधिकार जागरूकता पर उमंग फाउंडेशन के साप्ताहिक वेबीनार में यह जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर ने दी। इसका विषय था, “साइबर अपराधों से सुरक्षा का अधिकार”। उन्होंने बताया कि इंटरनेट के जरिए कोई अपराध होने पर तुरंत क्या कदम उठाए जाने चाहिए। वेबिनार में हिमाचल प्रदेश के अलावा चंडीगढ़, दिल्ली, झारखंड, बिहार और उत्तराखंड के लगभग 80 युवाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के संयोजक संजीव शर्मा के अनुसार उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो.अजय श्रीवास्तव ने कहा कि मोबाइल से पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को साइबर सुरक्षा की जानकारी दी जानी चाहिए ताकि शातिर अपराधी उनका शोषण न कर सकें।
नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि देश में 72 करोड़ से ज्यादा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इनमें 67% पुरुष और 33% महिलाएं हैं। इंटरनेट यूजर में से 62% लोग सोशल मीडिया से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट एवं अन्य अदालतें यह स्पष्ट कर चुकी है कि इंटरनेट का इस्तेमाल और साइबर सुरक्षा किसी भी व्यक्ति या संस्थान का मौलिक अधिकार है। उन्होंने हैकिंग और अन्य साइबर अपराधों से सुरक्षा के कई उपाय भी बताए।
उन्होंने कहा कि जागरूकता ही साइबर सुरक्षा का सबसे बड़ा उपाय है। अज्ञानता में साइबर ठगी का शिकार होने वाले लोगों में उच्च शिक्षित व्यक्ति जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और बड़े अफसर भी शामिल हैं। हिमाचल में होने वाले साइबर अपराधों के 95% संचालक दूसरे राज्यों या विदेशों के होते हैं। अपराधी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए किसी भी व्यक्ति की फोटो ही नहीं बल्कि नकली आवाज भी तैयार कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि इंटरनेट से होने वाले अपराधों की सूचना तुरंत टोल फ्री नंबर 155260 पर या हिमाचल पुलिस के व्हाट्सएप नंबर 9805953670 पर दी जा सकती है।
साइबर अपराधों में पैसों की ठगी, वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट हैक करके फिरौती मांगना, महिलाओं और बच्चों के नग्न अथवा अर्ध नग्न फोटोग्राफ एवं वीडियो भेजना अथवा देखना, अश्लील संदेश भेजना, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सामग्री एकत्र करना और भेजना, नकली रेल टिकट अथवा बिजली के बिल बनाना एवं इसी तरह के अन्य अपराध शामिल हैं। ये सभी दंडनीय अपराध हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया की हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को बड़े पैमाने पर साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में भी यह अभियान जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसमें सभी वर्गों के लोगों को विशेषकर युवाओं और बच्चों को जोड़ा जाएगा।