हमीरपुर, 06 जनवरी : क्षेत्र के प्रसिद्ध कवि, लेखक व कहानीकार विनोद कुमार मेहरा देहांत हो गया है। उनके निधन के बाद गृह क्षेत्र जंगलू गांव सहित साहित्य जगत से जुड़े लोगों में शोक की लहर है। मेहरा दिल्ली में अपने पुत्र के पास रह रहे थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
श्रम मंत्रालय से 2004 में सेवानिवृत्त विनोद मेहरा साहित्य जगत में विशेष स्थान रखते थे। मेहरा के बारे में जानकारी देते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. रतन चंद शर्मा ने बताया कि वह उनके सहपाठी भी रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि मेहरा आत्मविश्व (काव्य संग्रह) तरंग लहरी काव्य संग्रह तथा गीता और मानव गीता का सरल सार जैसी प्रसिद्ध पुस्तकें लिख चुके हैं।
मेहरा स्वतंत्र लेखन से भी जुड़े रहे। उन्होंने व्यंग कृति “आज के मसीहा”भी लिखी है। मेहरा नादौन के यशपाल साहित्य से भी काफी समय तक जुड़े रहे। वहीं संगोष्ठियों, कवि सम्मेलनों तथा इससे संबंधित आयोजनों में उन्होंने बढ़ चढ़कर भाग लिया। मेहरा का जन्म 5 अप्रैल 1944 को हुआ था। वह बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
वीरवार को दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार किया गया। वह अपने पीछे एक बेटा, एक बेटी व पत्नी छोड़ गए हैं। नादौन के साहित्यकारों रतन चंद शर्मा, केएस मित्र सहित एचआरटीसी उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री ने विनोद मेहरा के निधन पर अत्यंत शोक प्रकट किया है।