नाहन/ अंजू शर्मा : एक पद के लिए हजारों आवेदन। ऐसी स्थिति सरकारी नौकरी को हासिल करने के लिए अक्सर नजर आती है। ट्रांसगिरि क्षेत्र का टिटियाना ऐसा गांव है, जहां 15 साल से नशाबंदी लागू है। ये गांव अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजे है। यही नहीं, हाल ही के पंचायतीराज चुनाव में भी सर्व सम्मति करवाकर एक मिसाल कायम की थी। अब गांव के 8 युवाओं ने एक साथ सरकारी क्षेत्र में रोजगार हासिल कर उपलब्धि हासिल की है।
गांव के 5 युवा एक साथ शास्त्री बने हैं तो 3 का चयन फॉरेस्ट गार्ड के पद पर हुआ है। शास्त्री के पद पर प्रवेश शर्मा पुत्र सुरेश शर्मा, अजय शर्मा पुत्र संतराम शर्मा, राकेश शर्मा पुत्र सूरत सिंह, सुनील शर्मा पुत्र मितर सिंह व देवेंद्र शर्मा पुत्र रामचंद्र शर्मा शामिल हैं। युवाओं ने सफलता का श्रेय माता-पिता, गुरुजनों के अलावा कुल देवता महासू महाराज को दिया है। सफलता हासिल करने वाले छात्रों को संगड़ाह में तैनात बीआरसी मायाराम शर्मा ने प्रारंभिक शिक्षा करीब 16 साल पहले प्रदान की थी।
वनऱक्षक के पद पर राजेंद्र उर्फ राजीव पुत्र स्व. चानणु राम का चयन हुआ है। बचपन में ही राजेंद्र के सिर से माता-पिता का साया उठ गया था। बड़े भाईयों ने राजीव को पढ़ाने के लिए मजदूरी का सहारा लिया। बता दें कि इससे पहले राजीव ने एलाइड की प्रारंभिक परीक्षा में भी सफलता हासिल की थी, लेकिन मेन्स में कामयाबी नहीं मिल पाई।
उधर, गांव की कविता शर्मा लेडी वनरक्षक बनी है। पिता की बीमारी की वजह से मां ने बमुश्किल बच्चों की पढ़ाई करवाई। कविता बचपन से ही होशियार रही। जेबीटी करने के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रही। गांव के योगेश शर्मा पुत्र पुनिया राम दो बार पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर की प्रारंभिक परीक्षा को उत्तीर्ण करने में तो कामयाब रहे, लेकिन मूल्यांकन प्रक्रिया में सफलता हासिल नहीं हुई। लेकिन अब वनरक्षक के पद पर सफलता हासिल हो गई है।
गांव में नशाबंदी पर प्रतिबंध के साथ-साथ जुआ खेलने व अन्य अनैतिक कार्यों पर सख्त कदम उठाए जाते हैं। इस पर कार्रवाई के लिए गांव में अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है। गांव में युवाओं के मार्गदर्शन के लिए प्रज्ञा सेवा समिति भी गठित की गई है। इसमें गरीब बच्चों को आर्थिक सहायता व कैरियर गाइडलाइन्स से संबंधित जानकारी मुहैया करवाई जाती है।
गौरतलब है कि गांव में कुल देवता महासू महाराज के एक विशाल मंदिर का निर्माण किया गया है। इससे गांव की सुंदरता को तो चार चांद लगते ही हैं, साथ ही लोगों की धार्मिक आस्था भी बंधी रहती है। करीब 15 सालों में गांव की तस्वीर बदली है। गांव के विकास के लिए ग्राम पंचायत, नवयुवक मंडल, महासू देवता मंदिर सेवा समिति व प्रज्ञा सेवा समिति कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। यही वजह है कि एक साथ 8 युवा प्रतियोगी परीक्षा में सफल हुए हैं।