नाहन, 17 दिसंबर: करीब 30 से 40 सालों से अधर में लटकी 40 मैगावाॅट (MW) की श्री रेणुका जी बांध परियोजना (Shri Renuka Ji Dam Project) को चंद रोज पहले उस समय पंख मिल गए थे, जब केंद्रीय कैबिनेट ने अनुमोदन प्रदान किया था। लगातार इस प्रोजैक्ट (Project) की लागत बढ़ती रही, जो अब करीब 7 हजार करोड़ है। केंद्रीय कैबिनेट (central cabinet) से दोबारा चर्चा में आई इस परियोजना सेवन विभाग को लगभग 586 करोड़ रुपए मिलने जा रहे हैं।
सूबे के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Power Minister Sukhram Choudhary) की मानें तो 27 दिसंबर को मंडी प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री बांध का शिलान्यास वर्चुअल (Virtual) माध्यम से करेंगे। वन विभाग इस भारी भरकम राशि को कैसे खर्च करेगा, इसका कोई खाका तैयार नहीं है। केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के बाद इस परियोजना में बजट की कमी न आने की पूरी संभावना है। लिहाजा, वन विभाग को भी ये राशि जल्द ही मिल सकती हैै।
बता दें कि इस परियोजना की जद में श्री रेणुका क्षेत्र का वाइल्ड लाइफ एरिया (wild life area) भी आ रहा है। इसके अलावा पेड़ भी भेंट चढेंगे। इसकी भरपाई की एवज में ही ये राशि वन विभाग को मिलनी है। करीब 148 मीटर ऊंचे राॅकफिल डैम की तमाम औपचारिकताएं पहले ही पूरी हो चुकी थी। अनुमोदन को मंजूरी के बाद रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है।
हालांकि, ऊर्जा मंत्री सुखराम चैधरी ने शिमला में पत्रकारवार्ता बुलाकर ये ऐलान कर दिया है कि 27 को शिलान्यास होगा, लेकिन एचपीपीसीएल के अधिकारी जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 18 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश पावर काॅर्पोरेशन लिमिटेड (Himachal Pradesh Power Corporation Limited) द्वारा स्थापना दिवस भी मनाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस बांध में लगभग 25 पंचायतों के 32 गांव जलमग्न होंगे। हालांकि ये कुदरत पर ही निर्भर होगा कि डैम का जलाशय (Reservoir) कितने समय में भर पाता है। लंबे अरसे से डैम प्रभावितों को मुआवजा देने का सिलसिला जारी है। वन विभाग के पीसीसीएफ अजय श्रीवास्तव ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि फिलहाल ये जानकारी नहीं है कि कितनी राशि मिल रही है। ये जरूर कहा कि कैंपा फंड में राशि जमा होती है। उन्होंने माना कि इस राशि को खर्च करने के लिए कोई तैयारी नहीं है। लेकिन इसकी प्लानिंग जल्द तैयार भी की जा सकती है।
वहीं, श्री रेणुका जी बांध प्रबंधन के महाप्रबंधक रूप लाल से बार-बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। एचपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक पारिवारिक कारण से उपलब्ध नहीं थे। वहीं, एचपीपीसीएल के निदेशक (पर्सनल व फाईनेंस) प्रियंका वर्मा ने भी काॅल रिसीव नहीं की। लिहाजा, ये पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 दिसंबर को परियोजना का शिलान्यास किया जा रहा है या नहीं।
अगर शिलान्यास तो भी….
अगर 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री द्वारा वर्चुअली श्री रेणुका जी बांध परियोजना का शिलान्यास कर भी दिया जाता है तो भी एक साल से पहले धरातल पर कार्य को शुरू नहीं किया जा सकता। सूत्रों की मानें तो कार्य को शुरू करने से पहले शेष बची औपचारिकताओं को पूरा करने में एक साल का समय लग सकता है। बता दें कि इस परियोजना से देश की राजधानी को पेयजल उपलब्ध करवाया जाना है। सालों पहले इस प्रोजैक्ट को राष्ट्रीय महत्व (national importance) की सूची में भी शामिल किया गया था।