शिमला (एमबीएम न्यूज) : हिमाचल सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा पेश किए गए बजट में इसका ऐलान कर दिया गया है। जिला परिषद अध्यक्ष का मानदेय 6500 की बजाए 8000 होगा। जबकि उपाध्यक्ष को 4500 से बढ़ाकर 6000 रुपए प्रतिमाह का मानदेय दिया जाएगा। सदस्यों का मानदेय में 600 रुपए की बढ़ोतरी कर 3000 रुपए किया गया है।
बीडीसी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को क्रमश: 5000 व 3500 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे, जबकि पहले 3500 व 2400 रुपए मिल रहे थे। बीडीसी सदस्यों को 2500 रुपए प्रतिमाह का मानदेय मिलेगा। इसी तरह पंचायत प्रधान के मानदेय में 900 रुपए का इजाफा किया गया है। प्रधानों को 2100 की बजाय 3000 रुपए मिलेंगे। उप प्रधान का मानदेय 1800 से बढ़ाकर 2200 रुपए कर दिया गया है। नगर परिषद अध्यक्ष को तीन की बजाय चार हजार, उपाध्यक्ष को 2500 की बजाय 3500 मिलेंगे। नगर पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 2500 से बढ़ाकर 3500 रुपए किया गया है। जबकि उपाध्यक्ष के मानदेय में 800 रुपए का इजाफा किया गया है।
शिमला व धर्मशाला नगर निगम के महापौर को 8000 रुपए का मानदेय मिलेगा। वहीं उपाध्यक्ष को 4500 की बजाय 6000 रुपए मिलेंगे। नगर निगमों के पार्षदों का मानदेय 3000 से बढ़ाकर 4000 रुपए किया गया है। नगर परिषद के सदस्यों के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। 1200 की बजाय 1700 रुपए मिलेंगे। पंचायतीराज विभाग के लिए 30 करोड़ के बजट का ऐलान भी किया है। अलबत्ता हाल ही में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव जीते प्रतिनिधियों की सरकार ने बजट में लॉटरी खोल दी है।