नाहन, 17 नवंबर : बुधवार देर शाम पुलिस की घेराबंदी के बीच स्वर्ण आयोग की मांग को लेकर पैदल शव यात्रा शहर के बीच से निकली। पुलिस ने यशवंत विहार से दोसड़का तक सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की हुई थी, ताकि टकराव की मामूली सी भी गुंजाइश न रहे। सूत्रों के मुताबिक पुलिस का खुफिया तंत्र भी हाई अलर्ट पर था। बता दें कि आयोग की मांग को लेकर पैदल शवयात्रा सोमवार को शिमला से शुरू हुई थी।
पांवटा साहिब के बाद ये यात्रा उत्तराखंड की सीमा में दाखिल हो जाएगी। लिहाजा, इस मांग का मुद्दा इंटरस्टेट भी हो सकता है। हरिद्वार के बाद यात्रा का सफर हरियाणा व पंजाब से भी गुजर कर 10 दिसंबर को धर्मशाला में खत्म होगा। सूत्रों के मुताबिक दलित समाज के संगठनों ने ज्ञापन के माध्यम से ये सवाल उठाया था कि आरक्षण की शव यात्रा कैसे निकाली जा सकती है, जबकि इसका प्रावधान संविधान में है। यहीं से टकराव की आशंका पैदा हुई, जिसे समय रहते पुलिस ने डिफ्यूज करने में सफलता पा ली।
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800 किलोमीटर की पैदल शव यात्रा को नाहन शहर में अधिक देर रुकने का समय नहीं दिया गया। कुछ संगठनों ने यात्रा का स्वागत भी किया तो एक संगठन ने जलपान की व्यवस्था भी की हुई थी। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए तीखे लहजे में यात्रा का नेतृत्व कर रहे रूमित ठाकुर ने कहा कि यात्रा को रोकने की कोशिश भी की जा रही है, लेकिन वो रुकने वाले नहीं हैं। शव का विधि विधान से गंगा जी के तट पर क्रियाकर्म किया जाएगा।
कुल मिलाकर यात्रा के शांतिपूर्ण तरीके से निकल जाने के बाद पुलिस ने राहत ली है। यह अलग बात है कि पांवटा साहिब से भी गुजरने के बाद पुलिस की सांस में सांस आएगी। बता दें कि पुलिस ने यात्रा को काफी दूर तक कड़ी सुरक्षा उपलब्ध करवाई। इसमें पुलिस कर्मी लाठियों व हथियारों से लैस थी।