शिमला, 5 नवंबर : हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा सवालों के घेरे में है। बी सीरीज की प्रश्न संख्या 4,9 व 31 पर सवाल उठाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अभ्यार्थियों ने तय अवधि में इन सवालों की उत्तर कुंजी से आयोग को अवगत करवा दिया था। आपत्ति के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इन त्रुटियों के आधार पर उत्तर कुंजी को संशोधित नहीं किया। इस कारण मामूली अंतर से कई अभ्यार्थियों को एचएएस की मेन परीक्षा से वंचित होना पड़ रहा है।
तर्क ये दिया जा रहा है कि जहां अभ्यार्थियों को मेन्स की परीक्षा की तैयारी में जुटना चाहिए था, वहीं उन्हें आयोग की लापरवाही के कारण वकीलों के पास चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अहम बात ये है कि परीक्षा में नैगेटिव मार्किंग भी होती है। औसतन तीन सवालों का गलत जवाब देने पर दो अंकों की कटौती हो जाती है। इसका असर मैरिट सूची पर पड़ता है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को सूत्रों ने अभ्यार्थियों द्वारा आयोग को भेजे गए पत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाई है। साथ ही सवालों के जवाबों की प्रमाणिकता के आधार पर दस्तावेज भी उपलब्ध करवाए हैं।
प्रश्न संख्या 9 में पूछा गया था कि वह नवीनतम देश कौन सा है, जिसके साथ भारत ने हाल ही में दो जमा दो संवाद स्थापित किया है। आयोग ने इसके गलत जवाब को सही ठहराया है, जबकि अभ्यर्थियों का कहना है कि ये सवाद इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था। अभ्यार्थियों का तर्क है कि प्रश्न संख्या 4 में कथन को लेकर सवाल पूछा गया था, जबकि विकल्प में दिए गए जवाबों में दो विकल्प सही थे। इसमें आयोग ने एक विकल्प को सही माना है। इसका असर दूसरा विकल्प चुनने वाले अभ्यर्थी को नेगेटिव मार्किंग से भी हुआ।
अभ्यर्थियों के मुताबिक प्रश्न संख्या 31 में कोलकाता, मद्रास, मुंबई उच्च न्यायालय की स्थापना को लेकर सही विकल्प चुनने को कहा गया था। अभ्यर्थियों के मुताबिक सही विकल्प नहीं था। बता दें कि इस बार एचएएस प्रीलिमिनरी की कट ऑफ 106 से 107 अंकों से बीच की है। ऐसे में अगर तीन सवाल सही होते हैं तो अभ्यार्थी के सीधे ही 6 अंक बढ़ जाते हैं। इसके अलावा नैगेटिव मार्किंग में भी फायदा मिलेगा।
आयोग को भेजे पत्र में अभ्यार्थियों ने ये भी कहा है कि अगर आयोग द्वारा उत्तर कुंजी को संशोधित किया जाता है तो कई अभ्यार्थियों का भविष्य खराब होने से बच सकता है। उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क को लोक सेवा आयोग के सचिव या चेयरमैन की टिप्पणी उपलब्ध नहीं है। मिलने की स्थिति में प्रकाशित की जाएगी।