नाहन, 4 नवंबर : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप के घर में दयाल प्यारी का राजनीतिक कद बढ़ाया है। पूर्व जिला परिषद अध्यक्षा दयाल प्यारी का राजनीतिक कद बढ़ाने के पीछे दो मकसद नजर आ रहे हैं। पहला ये कि वो उसी कोली बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं, जिससे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप का संबंध है।
दूसरी तरफ 2022 में कांग्रेस दयाल प्यारी को पार्टी प्रत्याशी के तौर पर भी देख रही होगी। यह अलग बात है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गंगूराम मुसाफिर भी पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। पच्छाद के उप चुनाव में दयाल प्यारी ने हालांकि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पर हमला नहीं बोला था, लेकिन पार्टी के एक स्थानीय नेता पर खुलकर निशाना साधा था। इसके बाद बगावत कर चुनाव में उतरी दयाल प्यारी की कुछ समय बाद कांग्रेस के दिल्ली मुख्यालय में उनकी पार्टी में एंट्री कर दी गई। इसकी भनक स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को नहीं लगने दी गई।
भाजपा शुरू से ही इस गलतफहमी में है कि अगर दयाल प्यारी को टिकट मिला तो मुसाफिर खिलाफत करेंगे। यदि, मुसाफिर को टिकट मिला तो दयाल प्यारी अपना वजूद बचाने के लिए मुसाफिर की राह में रोडे अटकाएगी। अब जबकि पार्टी को उप चुनाव में करारी हार मिली है तो ये समझ लेना चाहिए कि पूर्वानुमान जाहिर कर चुनाव जीतना भविष्य में कठिन हो सकता है। लिहाजा, पच्छाद में बीजेपी के लिए विश्लेषण की मजबूरी है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने 31 अक्तूबर को राज्य में दो महासचिवों की नियुक्ति के अलावा 8 सचिव नियुक्त किए थे। इसके अलावा एक कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया, वहीं एक को मीडियो पेनेलिस्ट में शामिल किया गया था। उधर, दयाल प्यारी ने क्रमवार तरीके से हरेक पार्टी नेता का नियुक्ति पर आभार जताया था।