नाहन, 29 अक्तूबर : हिमाचल के सिरमौर जनपद की नहर स्वार पंचायत के हारलू धमौल में मिठाईयों को बगैर लाइसेंस के बनाने का पर्दाफाश हुआ है। ये सफलता, फूड सेफ्टी विभाग को हासिल हुई है। विभाग की टीम ने दबिश देने पर पाया कि दूषित मिठाईयों की बड़ी खेप का भंडारण किया गया है। जांच करने पर ये मात्रा 3 क्विंटल पाई गई। टीम ने इसे मौके पर ही नष्ट कर दिया। इसके अलावा टीम ने पेठा, मोतीचूर लड्डू, रसगुल्ले व पनीर के चार सैंपल भी लिए हैं।
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बगैर लाइसेंस के मिठाईयों के उत्पादन पर मौके पर ही मिठाईयां बनाने वाले सैफ अली का चालान फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत किया गया है। सैंपल की रिपोर्ट सेवन योग्य न होने पर अलग से कार्रवाई की जाएगी। टीम ने मौके पर पाया कि मिठाईयों के लिए अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल भी हो रहा था। हालांकि, दिवाली के दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई तेज हो जाती है, लेकिन इस बार दिवाली से कई दिन पहले ही विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। बीती शाम भी शहर में विभाग ने घटिया गुणवत्ता की मिठाई को लेकर चालान किए थे।
विभाग को सूचना मिली थी कि महिपुर क्षेत्र में मिठाईयों के उत्पादन में हाईजीन का पैमाना नहीं अपनाया जा रहा। मौके पर पहुंची टीम भी इस बात को लेकर हैरान हुई कि बड़े स्तर पर मिठाईयों के उत्पादन के लिए कोई लाइसेंस ही नहीं लिया गया था। ये कार्य गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था। ये समुदाय, परंपरागत तौर पर स्वादिष्ट खोया बर्फी के लिए मशहूर हुआ करता था, लेकिन हैरानी की बात थी कि इससे ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति ने नियमों को ताक पर रखकर बर्फी के अलावा मिठाई के अन्य उत्पाद भी तैयार करने शुरू कर दिए। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि चार सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि मौके पर करीब तीन क्विंटल मिठाइयों को नष्ट किया गया है।