शिमला, 29 अक्टूबर : दिवाली के तोहफे के रूप में प्रदेश के सैंकड़ों एचआरटीसी पीसमील कर्मचारियों प्रदेश सरकार द्वारा अनुबंध पर लिए जाने की उम्मीद है। निगम के 933 पीसमील कर्मचारी पिछले चार माह से अुनबंध पर लिए जाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। जिस पर प्रदेश सरकार व परिवहन मंत्री आश्वासन भी दे रहे हैं कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।
हिमाचल परिवहन निगम पीसमील कर्मचारी मंच प्रधान खेमचंद, महासचिव एचके शर्मा, उप-प्रधान संजीव कुमार, प्रेस सचिव घनश्याम ठाकुर, सह-सचिव मनोज पाल व कमेटी के अन्य पदाधिकारी पप्पू कुमार ने कहा कि निगम के समस्त पीसमील कर्मचारी परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर से यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि नवंबर महीने में आचार संहिता के खत्म होते ही पहले सप्ताह में पीसमील कर्मचारियों को अनुबंध पर ले लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नवंबर के पहले सप्ताह में पीसमील कर्मचारियों को अनुबंध में लेने के लिए परिवहन मंत्री भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मदन राणा से वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री यदि अपने इस वादे को बखूबी निभाते है तो वही पीसमील कर्मचारियों के लिये दिवाली का तोहफा होगा। अन्यथा पीसमील कर्मचारियों को फिर से आंदोलन की राह पर चलना होगा। हिमाचल पथ परिवहन निगम में कार्यरत पीसमील कर्मचारी इस वर्ष 20 जुलाई से लगातार संघर्षरत है। मंच सचिव एचके शर्मा ने बताया कि परिवहन निगम में पीसमील कर्मचारियों की संख्या 933 के करीब है। मांगे न मानने पर तत्पश्चात् पीसमील कर्मचारियों ने 3 अगस्त को परिवहन निगम मुख्यालय के आगे एक विशाल धरना प्रदर्शन किया।
बावजूद इसके पीसमील कर्मचारियों की मांग पर निगम प्रबंधन द्वारा गौर नहीं किया गया। केवल झूठे दिलासे दिए गए। जिसके पश्चात पीसमील कर्मचारियों ने 17 अगस्त से 24 अगस्त तक शांतिपूर्ण ढंग से पूर्णतया टूल डाउन आंदोलन भी किया। जिसका प्रभाव निगम प्रबंधन व प्रदेश सरकार पर पड़ा भी, और 24 अगस्त को परिवहन मंत्री ने परिवहन निगम पीसमील कर्मचारी मंच की कमेटी को शिमला के पीटरहॉफ होटल में वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और परिवहन मंत्री ने प्रबंधक निदेशक की मौजूदगी मे पीसमील कर्मचारी कमेटी पूर्ण विश्वास में लिया कि सितंबर महीने के दो सप्ताह के भीतर निगम के पीसमील कर्मचारियों को अनुबंध पर ले लिया जाएगा। जिस पर कमेटी ने आन्दोलन वापस लिया। लेकिन सितंबर माह के बाद अक्तूबर माह के खत्म होने तक भी कर्मचारियों को अनुबंध पर नहीं लिया गया है।