हमीरपुर,21 अक्तूबर : सीटू जिला इकाई हमीरपुर अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन नीति का विरोध करने का निर्णय लिया है। इस सिलसिले में वीरवार को सीटू जिला कमेटी हमीरपुर भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के विरोध में उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार को ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन नीति को वापस करने का आह्वान किया है। जिला सीटू पदाधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि यदि जल्द ही मांगों को पूरा न किया गया तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए विवश होंगे।
सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा यह योजना देश की सरकारी संपत्तियों को देशी व विदेशी बड़े उद्योगपतियों को सौंपने की नीति है। सीटू का मानना है कि भारत सरकार की यह नीति देश के धन की लूट तो है ही परंतु उसके साथ-साथ देश की जनता की आजीविका और आमदनी को भी प्रभावित करेगी।
यह नीति हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरनाक है। केंद्र सरकार ने छह लाख करोड़ में देश की अधिकांश सरकारी संपत्ति को बड़ी बड़ी देशी-विदेशी कंपनियों के पास एक तरह से गिरवी रखने का फैसला किया है जो कि सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बीएसएनएल, एमटीएनएल के दूरसंचार टावर ऑप्टिकल फाइबर भी मुद्रीकरण के लिए चयनित करें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की संपत्तियों को भी भारत सरकार ने इस मुद्रीकरण पाइप लाइन नीति के तहत उद्योग पतियों को बेचने का निर्णय लिया है।
सीटू जिला कमेटी के पदाधिकारियों का कहना है ज्ञापन के माध्यम से यह मांग करती है की भारत सरकार राष्ट्रीय मुद्दे मुद्रीकरण पाइपलाइन नीति को वापस ले और सरकारी संपत्तियों को बेचना बंद करें अन्यथा सीटू देश के पैमाने पर लोगों को लामबंद करते हुए देश के कोने कोने में एक लंबे संघर्ष और उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी।