शिमला, 9 अक्टूबर : मासिक पेंशन समेत अन्य मांगों को लेकर एचआरटीसी पेंशनर्स अपनी आवाज बुलंद करेंगे। एचआरटीसी पेंशनर्स 18 अक्टूबर को राजधानी शिमला में निगम के प्रबंध निदेशक के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे। अगर एचआरटीसी प्रबंधन व सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो पेंशनर्स आत्मदाह करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
हिमाचल परिवहन पेंशनर्स समस्या समाधान मंच के अध्यक्ष अशोक पुरोहित ने शनिवार को शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में ये बात कही। उन्होंने निगम प्रबंधन पर पेंशनरों की मांगों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सेवानिवृत्त हुए एचआरटीसी कर्मचारियों की समय पर पेंशन देने की मांग निगम प्रबंधन से लंबे समय से उठाई जा रही है, लेकिन हर बार उनकी मांग को अनसुना कर रहा है। कहा कि पेंशनरों को समय पर पेंशन नहीं मिल रही है। इस मुददे को कई बार परिवहन मंत्री के समक्ष भी उठाया गया है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में एचआरटीसी से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या लगभग आठ हजार के आसपास हैं, जोकि निगम के उपेक्षित रवैये के चलते मानसिक परेशानी झेल रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर शिमला में 18 अक्टूबर को एचआरटीसी मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में पेंशन का भुगतान 30 फीसदी कम किया जा रहा है तथा पेंशन कम मिलने के कारण भारी भरकम एरियर लंबित हैं। अशोक पुरोहित ने प्रदेश सरकार से एचआरटीसी पैंशनरों की पेंशन को अपने नियंत्रण में लेने की मांग उठाते हुए कहा कि अभी पेंशन का नियंत्रण एचआरटीसी प्रबंधन के पास है, जिससे पेंशनरों को समय पर पैंशन का भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने मेडिकल रिवर्समेंट का भुगतान भी तत्काल करने की मांग की।