शिमला, 7 अक्तूबर : हिमाचल में उपचुनाव के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया। इस लिस्ट में भाजपा ने जुब्बल कोटखाई से महिला नेत्री नीलम सरकैक को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर विधायक नरेंद्र बरागटा के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है और उनके बेटे चेतन बरागटा यहाँ से टिकट के प्रबल दावेदार थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित कई कैबिनेट मंत्री चेतन बरागटा के पक्ष में चुनाव प्रचार में भी उतर चुके थे। अब उन्हें टिकट न मिलने पर भाजपा नेता व कार्यकर्ता दंग रह गए हैं।
टिकट न मिलने से दुखी चेतन बरागटा का दर्द छलक आया है। जुब्बल कोटखाई में वीरवार को समर्थकों को सम्बोधित करते हुए चेतन बरागटा ने प्रदेश नेतृत्व को निशाने पर लिया। भाजपा नेतृत्व से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘कोई मेरा दोष तो बता देते? मेरी गलती क्या है?
चेतन बरागटा रोते हुए समर्थकों से बोले कि 15 साल तक उन्होंने संगठन में काम किया है। पिता के स्वर्गवास होने के 15 दिन बाद प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें उपचुनाव के लिए फील्ड में जाने के आदेश दिये थे। अब प्रदेश नेतृत्व बताए कि किस आधार उन्हें टिकट से नजर अंदाज किया गया है। चेतन बरागटा रोते हुए बोले कि मुझे तो खत्म ही कर दिया गया। अब मैं अपने घर क्या मुंह लेकर जाऊंगा। अपनी मां को क्या बताऊंगा। मेरी माँ का कहना है कि वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात करेंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिसे जुब्बल कोटखाई से उम्मीदवार बनाया है, वो पार्टी की पदाधिकारी भी नहीं रही और पिछले चुनावों में उसने पार्टी को नुकसान पहुंचाने का ही काम किया है।
चेतन बरागटा ने कहा कि जुब्बल कोटखाई विस हल्का कांग्रेस का गढ़ रहा है। देश में जब कांग्रेस के खिलाफ लहर चली, तब भी यहां से कांग्रेस उम्मीदवार जीत दर्ज की थी। साल 2007 में उनके स्वर्गवासी पिता नरेंद्र बरागटा ने यहां जीत का परचम लहराया था। 2017 में भी उनके पिता यहां से विजयी रहे।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनका सियासी कैरियर खत्म करने की साजिश रची गई है। उन्होंने संगठन में लम्बे समय तक काम किया है और उन्होंने जुब्बल कोटखाई से चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई थी। पिता के निधन के बाद पार्टी ने ही उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा था। पार्टी ने पहले उनका आदर किया, फिर ये नाटक क्यों?…..