शिमला, 30 सितंबर : हिमाचल के चंबा जनपद में सलूणी उपमंडल में 14 सितंबर 2021 को एक सनसनीखेज वारदात (sensational crime) सामने आती है। इसमें पुलिस को पता चलता है कि अग्निकांड (fire incident) में एक व्यक्ति की तीन मासूम बच्चों के साथ मौत हो गई है। जांच में पुलिस को ये बात कचोटती (twitching) रहती है कि आखिर ‘‘भूरा’’ कैसे बच गई। खैर, पुलिस दो सप्ताह के भीतर इस जघन्य हत्याकांड (heinous massacre) के रहस्य को बेपर्दा कर देती है। महिला ही पति सहित बच्चों की कातिल (murderer) थी।
शक की सुई भूरा के प्रेमी की तरफ भी घूमती है। मगर अब ताजा जांच ने एक नया मोड़ लिया है। दरअसल, भूरा का प्रेमी तो कोई ओर था। पड़ोसी जमात अली तो उसे केवल पसंद करता था, यानि मुग्धता (infatuation) का फायदा उठाकर भूरा ने इस रोंगटे खड़े करने वाले हत्याकांड की स्क्रिप्ट (Script) लिख दी। हालांकि पुलिस ने प्रेमी की हिस्ट्री को भी खंगाला, लेकिन उसके खिलाफ पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला है।
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ये करीब-करीब तय ही है कि ये ऐसी खौफनाक स्क्रिप्ट थी, जिसे पढ़कर कोई भी सिहर उठेगा, क्योंकि अग्निकांड की आड़ में पति सहित तीन मासूम बच्चों को मौत देने की साजिश रची गई थी। बता दें कि 14 सितंबर को सलूणी उपमंडल के एक गांव में घर में आग लगने की सूचना मिली थी। अग्निकांड में डेढ़ साल के मासूम बच्चे को भी नहीं बख्शा गया। इसके अलावा 6 व 4 साल के बेटों को भी दर्दनाक मौत मिली।
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दीगर है कि पुलिस ने सीडीआर (CDR) व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाकर जब भूरा व जमात अली से सख्ती से पूछताछ की थी तो उन्होंने ऐसे गुनाह से पर्दा उठाया, जिसे जान कर पुलिस भी हैरान रह गई। हर किसी कीे रूह इस बात से कांप गई थी कि आखिर एक मां कैसे इतनी निर्दयी (Cruel) हो सकती है कि वो अबोध बच्चों को ही मौत के घाट उतार दे।
अब चूंकि, भूरा के प्रेमी की संलिप्तता (involvement) सामने नहीं आ रही है, लिहाजा पुलिस ये भी जानने की कोशिश कर सकती है कि क्या भूरा ने जमात अली से साथ देने के बाद शादी करने का सौदा भी किया था या नहीं। या फिर वो अपने प्रेमी के साथ ही भागने की फिराक में थी। ताजा जानकारी के मुताबिक पुलिस ने जमात अली के घर से संदूक में छिपाया गया वो कुल्हाड़ (axe) भी बरामद कर लिया है, जिससे पहले मोहम्मद रफी की हत्या की गई, इसके बाद घर को आग के हवाले कर दिया गया।
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घटनास्थल से पुलिस को मोहम्मद रफी का अधजला शव (half-burnt body) बरामद हुआ था। इस मामले की जांच युवा आईपीएस अधिकारी मयंक चौधरी ने संभाली हुई थी। युवा आईपीएस अधिकारी ने बतौर एसडीपीओ (SDPO) पहली पारी सलूणी से ही शुरू की है। वो इस रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात की गुत्थी को सुलझाने में दिन-रात लगे रहे।
हाल ही में मंडी शहर में भी एक कलयुगी मां की करतूत सुनकर हर कोई सहम गया था। यहां कलयुगी मां ने अपनी नवजात जुड़वां बेटियों को पुल से नीचे फैंक दिया था। चंद घंटों में ही वो महिला सलाखों के पीछे पहुंचा दी गई थी।
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‘‘जमात अली व भूरा पर चार हत्याओं के तहत मामला दर्ज हुआ है। पहले दिन जब घटनास्थल का दौरा किया था, तभी शक हो गया था। खामोशी से जांच को आगे बढ़ाया गया। जब तक सबूत नहीं मिल गए। आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की गई तो सच सामने आने लगा था। इसके साथ ही फोरेंसिक विशेषज्ञों (forensic experts) व पोस्टमार्टम (Autopsy) की रिपोर्ट के अलावा सीडीआर ने भी तस्वीर को काफी कुछ साफ कर दिया था।
ये बात भी सही है कि सामने से देखने में आरोपी महिला का प्रेमी कोई ओर लग रहा था, लेकिन असल में पड़ोसी जमात अली ने इस वारदात में भूरा का साथ दिया। वो भूरा को पसंद करता रहा था। ये सामने आ रहा है कि उसी का फायदा भूरा ने उठाने की कोशिश की।’’ – आईपीएस मयंक चौधरी