शिमला, 29 सितंबर : हाल ही में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने गुजरात के सीएम को बदल दिया। इसके बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री को बदलने की भी बड़े स्तर पर चर्चाएं शुरू हो गई, लेकिन सूबे के सीएम जयराम ठाकुर इन अटकलों को खारिज करने में कामयाब साबित हुए। इसी बीच मंगलवार को अचानक ही चुनाव आयोग ने मंडी संसदीय क्षेत्र के अलावा तीन विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है।
2022 के सामान्य विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री को उप चुनाव की अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ेगा। हालांकि सरकार द्वारा पहले ही उप चुनाव को लेकर काफी तैयारियां कर ली गई थी। मसलन, कोटखाई व जुब्बल क्षेत्रों में घोषणाओं का पिटारा एडवांस में ही खोल दिया गया था। इसी तरह बाकी हलकों में भी घोषणाओं का अंबार लगा दिया गया था। ऐसी चर्चा थी कि सरकार के अनुमोदन के कारण ही चुनाव स्थगित हो गए थे।
खास बात ये है कि दो विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने चुनाव जीता था, जबकि कोटखाई व जुब्बल सीट भाजपा की झोली में थी। सीएम की परीक्षा इस बात को लेकर है कि क्या अपनी सीट रिटेन रखने के साथ-साथ कांग्रेस के पाले में भी सेंध लगाई जा सकेगी या नहीं। मंडी संसदीय क्षेत्र सीट पहले से भाजपा के पास थी, मगर अब उप चुनाव से गुजरना पड़ रहा है। हालांकि राजनीतिक पर्यवेक्षकों का ये भी मानना रहता है कि सत्तारूढ़ राजनीतिक दल को उप चुनाव में फायदा मिलता है।
चूंकि मौजूदा जयराम सरकार को चार साल का वक्त हो चुका है, लिहाजा एंटी इन्कमबंसी के साथ अग्निपरीक्षा देनी होगी। मार्च 2020 के बाद कोविड संकट में सरकार के प्रति जनता का नजरिया क्या रहा है, ये भी काफी अहम होगा। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जयराम की अपनी छवि बेदाग रही है, मगर अंदरखाते भाजपा को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ये अग्निपरीक्षा ही तय कर सकती है कि क्या 2022 के चुनाव में भी जयराम ठाकुर ही बीजेपी का चेहरा होंगे या नहीं।