नाहन/ प्रकाश शर्मा : हिमाचल में अक्सर जब पर्यटन क्षेत्रों की बात होती है तो कुल्लू, मनाली, धर्मशाला जैसे स्थल आपके जहन में आते हैं लेकिन सिरमौर को भी कुदरत ने प्राकृतिक सुंदरता बख्शी है कि यहां अनेक ऐसे सुंदर स्थल है, जहां जाकर आप सुकून महसूस करेंगे।
सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र का गत्ताधार (Gattadhar Valley) क्षेत्र भी कुछ ऐसा ही है। पिछले कुछ समय से पर्यटन मानचित्र (tourist map) पर यह लगातार उभर रहा है। आए दिन पर्यटक यहां घूमने पहुंच रहे है, जिससे घाटी में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ रही हैं। क्षेत्र की जुईनीधार घाटी (Junidhar Valley)पर्यटकों का पसंदीदा स्थान बन रही है। लगभग चार किलोमीटर की यह ट्रैकिंग लोगों को खूब पसंद आ रही है। यहां पर स्थित शिरगुल महाराज का मंदिर इस घाटी की सुंदरता को चार चांद लगा देता है।
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सिरमौर में पर्दे के पीछे यूरोप…हैरान होंगे जुईनीधार घाटी के बारे में जानकर https://bit.ly/3oiE0TE
जुईनीधार घाटी समुद्र तल से लगभग 8 हजार की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार (Churdhar) का मनमोहक नजारा हर किसी को मोह लेता है। स्थानीय लोगों की माने तो पिछले कुछ महीनों से लोग घाटी की तरफ रुख कर रहे हैं। हिमचाल के अन्य जिलों सहित कुछ बाहरी राज्यों के लोग भी यहां पहुंच रहे है। लोग भी इससे काफी खुश हैं। हालांकि दिसंबर के बाद यहां पहुंचना मुश्किल है, क्योंकि घाटी पर लगभग 5 फुट तक हिमपात होता है। बर्फ़बारी (Snowfall) का क्रम मार्च के आखिरी तक जारी रहता है। मई-जून के बाद यहां पर आना आसान है। जून-जुलाई की तपती गर्मी में भी यहां ठंड का अहसास होता है।