हिमाचल के युर्वेदिक विभाग में चीफ फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं 665वां रैंक हासिल करने वाले बेटे के पिता
शिमला, 25 सितंबर : हर साल 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। हिमाचल के बद्दी के समीपवर्ती गुल्लरवाला पंचायत में एक बेटे ने इस मौके पर अपने फार्मासिस्ट पिता भाग सिंह को ताउम्र न भूलने वाला तोहफा दिया है। दरअसल, वो यूपीएससी की परीक्षा को क्रैक करने के बाद आज दिल्ली से घर लौट रहा है। 23 मार्च 1995 को जन्में विशाल चौधरी ने यूपीएससी की परीक्षा में 665वां रैंक हासिल किया है। पिता भाग सिंह आयुर्वैदिक विभाग में इस समय बद्दी के समीप ही चीफ फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं।
बचपन से ही होशियार विशाल ने दो असफलताओं के बावजूद भी हार नहीं मानी। आखिरकार तीसरी कोशिश में असफलता भी हार गई। 26 साल के विशाल चौधरी की जिद अब भी खत्म नहीं हुई, वो आईएएस कैडर न मिलने पर दोबारा कोशिश करेंगे। दिल्ली स्कूल ऑफ़ कामर्स से एमफिल कर रहे विशाल तीन असफलताओं के बाद भी हताश नहीं हुए। यही कारण था कि वो आज यूपीएससी की परीक्षा को क्रैक करने के बाद न केवल खुद चर्चा में आए हैं, बल्कि समूचे बद्दी इलाके को गौरवान्वित किया है।
ओरबिंदो स्कूल से दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद चंडीगढ़ के 35 सेक्टर माॅडल स्कूल से जमा दो की शिक्षा ग्रहण की। तत्पश्चात कामर्स में बी काॅम करने के उपरांत दिल्ली स्कूल ऑफ़ इक्लोमिक्स से एम काॅम की शिक्षा ग्रहण की है। 2019 में जेआरएफ नेट क्वालीफाई करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए स्काॅलरशिप भी हासिल कर लिया। दिल्ली विश्वविद्यालय से एमफिल की पढ़ाई जारी रखे हुए है। शुक्रवार देर शाम जब यूपीएससी की नतीजा घोषित हुआ, उस समय वो दिल्ली में ही थे। अब जल्द से जल्द घर पहुंच कर माता-पिता को गले मिलना चाहते हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से जब विशाल चौधरी की बात हुई, उस समय ट्रैवलिंग में ही थे। बता दें कि पिता भाग सिंह को भी समाज में ईमानदारी व कर्त्तव्य परायणता के लिए पहचाना जाता है। पिता के सेवाभाव का नतीजा ये है कि बेटा ठीक उसी दिन सपने को साकार कर घर आ रहा है, जब फार्मासिस्ट दिवस भी मनाया जा रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्वास्थ्य व आयुर्वेदिक विभाग में फार्मासिस्ट एक अहम कड़ी होते हैं।
उधर, फोन पर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में विशाल चौधरी ने कहा कि अगर आईएएस में जगह नहीं मिलती है तो वो दोबारा कोशिश करने में भी संकोच नहीं करेंगे। युवा विशाल चौधरी ने कहा कि परीक्षा की तैयारी एकाग्रता से की जानी चाहिए। साथ ही विषयों का चयन भी सही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नियमित अध्ययन ही सफलता का मूल मंत्र है। अक्सर तैयारी के दौरान परीक्षार्थियों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता, इसलिए वो सही दिशा में तैयारी नहीं कर पाते। विशाल ने कहा कि सबसे जरूरी बात ये भी है कि खुद का आकलन कर ही तय करें कि जीवन में क्या लक्ष्य तय करना है।
उधर, विशाल के भाई विकास ने कहा कि परिवार के लिए ये बेहद ही खुशी के पल हैं। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष नालागढ़ क्षेत्र से ही मुस्कान जिंदल ने यूपीएससी की परीक्षा में 87वां रैंक हासिल कर माता-पिता के साथ-साथ क्षेत्र का नाम रोशन किया था। इस साल यूपीएससी की परीक्षा में विशाल ने क्रम को जारी रखा है।