नाहन, 17 सितंबर : नाहन में वामन द्वादशी के मौके पर देव पालकियों को कंधों की बजाय गाड़ियों में ले जाने को लेकर विवाद पैदा हो गया। श्रद्धालुओं ने श्री जगन्नाथ मंदिर के भीतर ही पालकियों को रखकर अपना विरोध जताया। हालांकि बाद में एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद पालकियों को गाड़ियों से ही ले जाया गया।
दरअसल, वामन द्वादशी के अवसर पर नाहन के विभिन्न मंदिरों से पालकियां निकाली जाती हैं। जिनको श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ पक्का टैंक स्थित परिसर में रखा जाता है। इस बार प्रशासन द्वारा पालकियों को कंधों की बजाय गाड़ियों में ले जाने का फैसला लिया गया। कारदारों ने प्रशासन के फैसले पर विवाद खड़ा कर दिया। उनका कहना था कि हमेशा की तरह देव पालकियों को कंधों पर ही पक्का टैंक स्थित परिसर तक ले जाया जाएगा।
शहर के विभिन्न मंदिरों से पालकियां बड़ा चौक परिसर में एकत्रित होती हैं। वहां से पालकियों को एक साथ कंधों पर ही मेला स्थल पक्का टैंक तक ले जाया जाता है। चूंकि इस बार कोविड की वजह से मेले का आयोजन नहीं हो रहा है। परंतु परंपरा के अनुसार देव पालकियों को पक्का टैंक परिसर में ही श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा जाना है।
शुक्रवार को उस समय विवाद पैदा हो गया, जब प्रशासन के आदेश अनुसार पालकियों को गाड़ियों में ले जाने का फरमान सुनाया गया। श्रद्धालु मांग कर रहे थे कि हर वर्ष की तरह पालकियों को कंधों पर ही ले जाया जाए। इसी के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारियों व श्रद्धालुओं के बीच कुछ विवाद भी हुआ। बाद में एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर मामले में दखल दिया। तय हुआ कि पालकियों को गाड़ियों के माध्यम से ही पक्का टैंक परिसर तक ले जाया जाएगा।
इसके पीछे प्रशासन का तर्क था कि पालकियां कंधों पर जाने से लोगों की भीड़ एकत्रित होगी। एक पालकी को ही कंधे पर उठाने की दी गई अनुमति दी गई लेकिन कारदारों ने इससे इंकार कर दिया। हालांकि, कुछ पालकियां देहली गेट तक कंधों पर ले जाई गई, क्योंकि संकीर्ण बाजार में एक साथ गाड़ियां लाना संभव नहीं था। कुल मिलाकर प्रशासन के फैसले के आगे श्रद्धालुओं को नतमस्तक होना पड़ा।