शिमला, 26 अगस्त : हिमाचल की जयराम ठाकुर सरकार की तिजोरी पर कर्ज भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। आलम यह हैं कि राज्य सरकार पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। हिमाचल सरकार ने अब तक 60 हजार करोड़ से अधिक का ऋण लिया है और अब एक बार फिर एक हज़ार करोड़ के ऋण को प्रस्तावित किया है।
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जानकारी अनुसार राज्य सरकार 1,000 करोड़ का ऋण लेने जा रही है। कर्ज की यह राशि दो मदों में ली जा रही है। पहली मद में 500 करोड़ रुपए 10 साल और दूसरे मद में 500 करोड़ रुपए 11 साल की अवधि तक लिए जाएंगे। कर्ज की यह राशि राज्य सरकार के खाते में पहली सितम्बर, 2021 को आ जाएगी। ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश पर 61,500 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ जाएगा।
बताया जा रहा है कि कर्मचारी एवं पेंशनरों को डीए का भुगतान करने के लिए सरकार को कर्ज लेने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कर्मचारी एवं पेंशनरों को 6 फीसदी डीए की किश्त जारी करने की घोषणा की थी।
सनद रहे कि प्रदेश में पिछले डेढ साल से काेराेना संक्रमण के कारण राज्य सरकार की वित्तीय हालात काफी खराब हुई है। किसी भी राज्य के लिए विकास तभी संभव है जब उसकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो और राज्य अपने मद से साधन-संसाधन जुटाने में सक्षम हो।
मगर हिमाचल सरकार की आर्थिक स्थिति कुछ ऐसी हैं कि सरकार को चंद माह बाद कर्ज लेना पड़ता है, जिससे राज्य पर कर्ज का बोझ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र में रखी गई कैग रिपोर्ट में सरकार की तरफ से बार-बार कर्ज लेने पर भी चिंता जताई गई है।