सोलन, 26 अगस्त : नागराज के सामने आते ही हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मगर, बंगाला समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों को इसके जहर (Poison) से निपटना भी आता है। यही कारण रहा होगा कि नालागढ़ में प्रीत नगर की बंगाला कालोनी में 22 जिंदा सांपों (snakes) को घर में छिपाकर रखा गया था। दरअसल, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (Wildlife Crime Control Bureau) की गोपनीय सूचना पर एक ज्वाइंट ऑपरेशन (joint operation) में वन्य प्राणियों के अंगों व जीवित सांपों की तस्करी के संगठित अपराध का पर्दाफाश हुआ है। इसमें ब्यूरो के दो अधिकारी भी खास तौर पर नालागढ़ पहुंचे थे।
पुलिस व वन विभाग (Forest department) भी इस संयुक्त रेड का हिस्सा थे। मामले की गंभीरता के मद्देनजर बद्दी के एसपी मोहित चावला ने जांच के लिए एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में बद्दी के एसपी ने एसआईटी के गठन की पुष्टि की है। ये भी माना जा रहा है कि बंगाला समुदाय (bengali community)के लोगों को तो इतने बड़े स्तर पर तस्करी करने की कीमत महज चंद हजार रुपए ही मिलती होगी। इसके असल तस्कर ही मोटी कमाई कर रहे होंगे।
उधर, ऐसी भी आशंका जाहिर की जा रही है कि चंद महीने पहले सिरमौर में साइट हुआ किंग कोबरा (King Cobra) भी इनके निशाने पर होगा, क्योंकि कोबरा की साइटिंग (Sighting) के कुछ हफ्ते बाद श्री रेणुका जी पुलिस ने बंगाला समुदाय के ही कुछ लोगों से जिंदा गोह को बरामद किया था। इसके अलावा मृत अवस्था में भी गोह बरामद हुई थी। यानि, धारटीधार के इलाके में भी बंगाला समुदाय के लोग सक्रिय थे। इसी बीच एसपी मोहित चावला ने यह भी कहा है कि वन्यजीवों (wildlife) के इस तरीके से अवशेष बरामद होने का मामला गंभीर है।
जिंदा मिले 22 सांप…
बुधवार सुबह 5 बजे से साढ़े 9 बजे तक ज्वाइंट ऑपरेशन चला। इस दौरान टीम को 22 विभिन्न प्रजातियों (different species) के जिंदा सांप बरामद हुए। इसमें कोबरा सांप भी शामिल था। इंडियन रैट स्नेक, काॅमन इंडियन क्रेट, इंडियन वुल्फ स्नेक, कील बैक व वाटर स्नेक की प्रजातियां शामिल थी।
उल्लेखनीय है कि काॅमन इंडियन क्रेट (Common Indian crate) प्रजाति किंग कोबरा से हूबहू मिलती है। किंग कोबरा की पहचान उसी सूरत में होती है, जब वो फन फैलाता है। इस दौरान सांपों की दो खोपड़ियां भी बरामद की गई। खास बात ये है कि अगर रेड के दौरान एक भी जहरीला सांप पिटारे से बाहर निकल जाता तो छापामारी करने वाली टीम के लिए भी घातक हो सकता था।
गीदड़ सिंगी सहित….
गीदड़ सिंगी का मिलना काफी दुर्लभ होता है, मगर इन शातिरों के पास एक गीदड़ सिंगी भी बरामद हुई है। इसके अलावा गोह की लगभग 300 ग्राम हथजोड़ी बरामद हुई है। आशंका जाहिर की जा रही है कि ये मात्रा हासिल करने के लिए लगभग 120 गोहों को मारा गया होगा। छापे के दौरान तेंदुए (leopard) के नाखून व बारहसिंगे के दो सींग भी बरामद हुए हैं। साथ ही जिंदा तोते भी बरामद किए गए हैं। अलग-अलग वन्यप्राणियों के अवशेष मिलने से इस बात का साफ इशारा है कि बड़े स्तर पर तस्करी को अंजाम दिया जा रहा था।
ये बोले डीएफओ….
नालागढ के डीएफओ यशुदीप ने कहा कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act)1972 की धारा-51 के तहत मामला दर्ज करवा दिया गया है। आरोप साबित होने की स्थिति में 3 से 5 साल तक की कैद हो सकती है। बता दें कि इस मामले में 33 व 66 साल के काकू व विजय नाम के व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।