शिमला, 26 अगस्त : प्रदेश हाईकोर्ट ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा आवंटित दो पेट्रोल पम्पों का आबंटन रद्द कर दिया है। आईओसी (IOC) द्वारा यह आबंटन कांगड़ा व ऊना जिले में किया गया था। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने यह आबंटन रद्द करते हुए इन आउटलेट का फिर से नियमों का पालन करते हुए आबंटित करने के आदेश दिए।
मामलों के अनुसार ज्वालामुखी तहसील के तहत बोहं गांव में पेट्रोल पम्प लगाने हेतु आईओसी ने एचपी एग्रो इंडस्ट्री का चयन किया। जबकि ऊना जिले के तहत सब तहसील दुलेहड़ के मोहाल थारा में सतवंत सिंह को एक पेट्रोल पम्प आबंटित किया गया था। मैसर्ज आदित्य एचपी सेंटर की प्रोपराइटर अमन परमार व हरदीप सिंह ने ज्वालामुखी के बोहं वाले पेट्रोल पम्प के आबंटन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जितेंद्र कुमार ने ऊना वाले पेट्रोल पम्प के आबंटन को खारिज करने की मांग की थी।
तीनों याचिकाओं में प्रार्थियों ने इन आबंटनो को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि यह आबंटन इंडियन रोड कांग्रेस व मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एन्ड हाइवे द्वारा तय मानदंडों को दरकिनार कर किए गए हैं। आईओसी की दलील थी कि जिन पेट्रोल पंपों को लगाने के लिए चयन किया गया है उन पर उक्त मानदंड नहीं लगते।
कोर्ट ने इस दलील को नकारते हुए कहा कि इंडियन रोड कांग्रेस व मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एन्ड हाइवे द्वारा तय मानदंड प्रदेश के हर हिस्से में लागू होते हैं। इसलिए इनके दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर आबंटित किए गए इन पेट्रोल पम्पों का आबंटन हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।