बद्दी (सोलन),01 अगस्त : अक्सर ही क्राइम पेट्रोल देख कर शातिर आपराधिक साजिश तो रच लेते हैं, लेकिन इस शो के आखिर में वह इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि इसका हश्र क्या होता है? यह बात हिमाचल की बद्दी पुलिस ने भी साबित कर दिखाई है।
हिमाचल प्रदेश के फार्मा हब बद्दी में पिछले शुक्रवार को अब्दुल कलाम का खून से लथपथ शव (dead body) सड़क के किनारे पड़ा मिला। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि एक दुर्घटना (Accident) में उसकी जान चली गई है। परिवार ने सोमवार को यूपी (UP) के बदायूं के लक्ष्मीपुर गांव में उसके शव को दफना दिया। पुलिस को जब शव मिला था तो उस समय उसका सिर बुरी तरह कुचल हुआ था। ऐसा लग रहा था कि सिर में गहरी चोट लगने से मौत हो गई है।
23 जुलाई को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (Postmortem report) में उसकी मौत की वजह दुर्घटना ही मानी गई। मगर पुलिस को कोई सबूत (evidence) नहीं मिला रहा था। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। बद्दी पुलिस को हादसे की थ्योरी (theory) हजम नहीं हो रही थी, लिहाजा जांच को जारी रखा। इलाके की सीसीटीवी फुटेज (CCTV footage) खंगालने पर पता चला कि दो लोग मृतक अब्दुल को बाइक पर ले जा रहे हैं। थोड़ी देर बाद उसके बिना ही लौट रहे हैं। “जहां अब्दुल का शव मिला था, उसके पास एक पेट्रोल पंप (Petrol pump) था।” “22 जुलाई की रात के फुटेज में एक बाइक पर तीन लोगों को दिखाया गया, जिनमें अब्दुल भी शामिल था, जो साइट (site) की तरफ जा रहे थे। बाद में जब उन्हें पीछे की तरफ आते देखा गया तो अब्दुल उनके साथ नहीं था। समयरेखा अब्दुल की मृत्यु के समय से मेल खाती थी।
इसके बाद बद्दी पुलिस ने कब्र से शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाने के फैसला लिया। बद्दी के एसपी रोहित मालपानी ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि इसके बाद एक टीम को उत्तर प्रदेश के बदायूं भेजा गया , वहां डीएम (DM) से शव को कब्र (Grave) से निकालने की अनुमति मांगी गई। बदायूं के जोनल अस्पताल में मेडिकल बोर्ड (Medical board) द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया, इसमें यह बात सामने आ गई कि उसकी मौत से गोली लगने की वजह से हुई थी।
दूसरे शव परीक्षण में उसके गले में एक गोली मिली, जो पहली बार छूट गई थी। ये साफ़ हो गया कि अब्दुल की हत्या कर दी गई थी। 27 वर्षीय मृतक अब्दुल बढ़ई का काम करता था। उसने बदायूं के एक रिश्तेदार, 30 वर्षीय मोहम्मद शमशुल के साथ मिलकर बद्दी में दुकान स्थापित की। वहीं रह रहा था।
पुलिस ने सबसे पहले उन दो लोगों की पहचान की है जो सीसी कैमरे (CCTV cameras) में मृतक के साथ नजर आये थे। उनकी पहचान 21 वर्षीय मोहम्मद शाहिद और 23 वर्षीय मोहम्मद फैजान के रूप में हुई जो बदायूं में अब्दुल के परिवार के पड़ोसी थे।
पुलिस को अपने सवालो के जवाब मिलने की उम्मीद लग रही थी। सवाल उठा कि वे 500 किमी दूर बद्दी में क्या कर रहे थे? पूछताछ करने पुलिस गांव पहुंची तो वे फरार थे। इस बीच अब्दुल के शव को शुक्रवार को कब्र से निकाला गया। मृतक के गले में एक गोली मिलना पर्याप्त सबूत था कि उसकी हत्या की गई है। खाकी ने तलाशी अभियान (search operation) शुरू किया।
शाहिद को जीरकपुर व फैजान हरियाणा के जींद से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि अब्दुल को मारने के लिए उन्हें शमशुल ने काम पर रखा था। पुलिस ने बताया कि शमशुल पर अब्दुल का पैसा बकाया है। उस पर चल रहे विवाद से निपटने को तैयार न होने पर उसने उसकी हत्या (Murder) कर दी।
एसपी रोहित मालपानी ने बताया कि शमशुल को भी गिरफ्तार (Arrest)कर लिया गया है। वारदात में आपराधिक साजिश और सबूत मिटाने की धाराओं को भी शामिल किया जा सकता है। कुल मिलाकर बद्दी पुलिस के प्रयास से 27 साल के अब्दुल को इंसाफ मिल जायेगा।