हमीरपुर, 24 जुलाई : हिमाचल के ट्रांसपोर्ट मंत्री ने एचआरटीसी (HRTC) कर्मियों की हड़ताल पर तीखे तेवर दिखाये है। साफ़ किया कि सरकार तय करती है किसे कहा भेजना है? चालक और परिचालक (Driver & Conductor) तय नहीं करेंगे कि अधिकारी का तबादला (Transfer) होगा या नहीं।
शिमला के आरएम के तबादले के मुद्दे पर परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने तल्खी दिखाते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। शनिवार को हमीरपुर में परिवहन मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एचआरटीसी कर्मचारियों का प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण (unfortunate) है। आरएम के तबादले का निर्णय बस चालक और परिचालक नहीं लेंगे। अगर यह मामला जल्द शांत नहीं हुआ तो हड़ताली कर्मियों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
परिवहन मंत्री ने कहा कि एक साल तक एक जगह पर नौकरी करने वाले अधिकारी ने जिस तरह की परिस्थितियां (situations) पैदा की हैं, इसकी गहनता से जांच की जाएगी और अनुशासनहीनता (indiscipline) करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने तबादला कर किसी अधिकारी को सजा नहीं दी। जिस अधिकारी को शिमला में आरएम (RM) लगाया है, वह कैंसर (Cancer) से पीड़ित है। बीमारी के चलते वह नेरवा नहीं जाना चाहते थे।
शिमला वाले को नेरवा भेजा गया, क्योंकि नेरवा में एचआरटीसी का नया यूनिट खोला गया है। जहां पर एक अनुभवी व वरिष्ठ अधिकारी की आवश्यकता है। अनुभव को देखते हुए आरएम को शिमला से नेरवा के लिए बदला गया है।
एचआरटीसी के चालक-परिचालक इस तबादले पर बेवजह सवाल उठा रहे हैं। तीन साल के बाद किसी भी कर्मचारी का तबादला किया जा सकता है। किस कर्मचारी को कहां भेजना है, यह सरकार तय करती है। तबादले के विरोध में हिमाचल के अधिकांश इलाको में हड़ताल का खामियाजा आम लोगो को भुगतना पड़ रहा है। हमीरपुर में सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार से आरएम के तबादले के आदेशों को तुरंत रद्द करने की मांग की ।