श्री रेणुका जी, 18 जुलाई : हिमाचल प्रदेश के वाइल्ड लाइफ(Wildlife) क्षेत्र में विभाग का शिमला डिवीजन (Division) काफी मायने रखता है। इसी डिवीजन में किंग कोबरा (King Cobra) की साइटिंग का प्रमाण हाल ही में मिला था। उत्तराखंड से यमुना नदी को पार कर हाथियों (Elephants) के आने-जाने का सिलसिला पुराना हो चुका है। अब अगर टाइगर (Tiger) का जोड़ा (Pair) भी आ जाए तो धार्मिक स्थली श्री रेणुका जी में पर्यटकों के लिए एक ओर आकर्षण बन जाएगा।
निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि क्या 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार वन्यप्राणी विभाग की इस हसरत (Desire) को पूरा कर पाएगी या नहीं। हालांकि, टाइगर को लाने का सिलसिला काफी पुराना है, लेकिन एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने पुरानी फाइलों(files) से इससे जुड़ी ताजा जानकारी जुटाने का प्रयास किया। तब ये बात सामने आई कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) वाइल्ड लाइफ विभाग को टाइगर के एनक्लोजर के प्लान को मंजूरी प्रदान कर चुका है। इसके बाद विभाग एनक्लोजर (Enclosure) के निर्माण के लिए लगभग 20 लाख की राशि से सामग्री को जुटा चुका है।
अब केवल इस सामग्री (Material) के इस्तेमाल के लिए लेबर काॅस्ट के रूप में विभाग को लगभग 7 से 8 लाख की राशि की दरकार है। इस राशि के मिलने के बाद एनक्लोजर के निर्माण को अंतिम रूप दिया जा सकता है। वहीं, जहां तक टाइगर के जोड़े की उपलब्धता का सवाल है तो विभाग का तर्क है कि एनक्लोजर का कार्य पूरा करने के बाद टाइगर के जोड़े को किसी भी जू से लाना जटिल प्रक्रिया नहीं है। इसकी उपलब्धता (Availability) आसानी से हो जाती है।
बता दें कि कई मर्तबा दो राज्य के वन्य प्राणी विभाग अदला-बदली (Exchange) करने को भी स्वीकृति प्रदान कर देते हैं। मसलन, अगर हिमाचल से तेंदुआ (Leopard) दूसरे राज्य में भेजा जाता है तो वहां से दूसरे वन्य प्राणी को भी लाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि रेणुका सफारी में एक समय ऐसा भी था, जब शेरों की संख्या 29 हो गई थी।
उधर, शिमला वाइल्ड लाइफ डिवीजन के डीएफओ कृष्ण कुमार ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में माना कि टाइगर के एनक्लोजर के निर्माण के लिए करीब 20 लाख रुपए की लागत से मटीरियल खरीदा जा चुका है। लेबर काॅस्ट का बजट मिलने के बाद इसका निर्माण शुरू किया जा सकता है।
एक सवाल के जवाब में डीएफओ ने ये भी कहा कि टाइगर के जोड़े की उपलब्धता मुश्किल नहीं है। बशर्ते एनक्लोजर का कार्य पूरा हो जाए, साथ ही सीजेडए से तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएं।