हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरिपुरधार भले ही चौराह का केंद्र बिंदु हो पर आवाजाही की दृष्टि से देखा जाए तो बहुत ही भीड़ वाला कस्बा है। घाटी के इस महल में जिला शिमला, उत्तराखंड व सोलन जनपदों के जनमानस की असंख्य आवाजाही रहती है। उसके साथ-साथ ग्रामीण इलाकों के हजारों लोगों की भीड़ भी एकत्र होती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो यहां बहुत ही दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र है, जहां पर लोगों की सुविधा के लिए एकमात्र अस्पताल ही उपलब्ध है।
स्वास्थ्य केंद्र भवन की दुर्दशा इस कदर हावी होने जा रही है कि भवन परिसर के बाहर निकलना बहुत मुश्किल है। बरसात के दिनों में यहां पर कीचड़ एकत्र हो जाता है। यहां तक की मरीजों को अस्पताल के अंदर-बाहर ले जाना बड़ी परेशानी का सबब बन गया है। सीएससी भवन काफी पुराना हो गया है।
इसके अलावा भवन की छत जर्जर हालत में है। परिसर के चारों ओर गंदगी का आलम है, पांव तक रखने की हिम्मत नहीं हो पाती। भवन के पिछले भाग में कीचड़ भरे तालाब नजर आते है।
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो यहां पर 80 से 100 के बीच की रोजाना ओपीडी रहती है और संस्थान में एकमात्र डॉक्टर ही कार्यरत है। एक्सरे मशीन लंबे समय से धूल फांक रही है। डेंटल की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है और प्रसव कराने के लिए संगड़ाह भेज दिया जाता है। विभिन्न प्रकार की आपत्तिजनक स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का अभाव है।
भाजपा जिला कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष बलवीर ठाकुर व व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमर सिंह ठाकुर, महिला मंडल व क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में लंबे समय से काफी सारे पद रिक्त पड़े हुए हैं और लंबी अवधि के भीतर इस स्वास्थ्य केंद्र का रखरखाव भी नहीं हुआ है। भवन की दुर्दशा और इसके परिसर को पक्का किया जाना बेहद जरूरी है। सरकार स्वास्थ्य संस्थानों की बरहाली पर अपना ध्यान केंद्रित करें ताकि लोगों को अस्पताल में इलाज कराने की सुविधाएं उपलब्ध हो सके।