शिमला/ सोलन , 3 जून : हिमाचल हाईकोर्ट ने परवाणु-शिमला फोरलेन पर सनवारा टोल प्लाजा में टोल टैक्स वसूलने पर लगाई रोक को हटा दिया है। टोल टैक्स वसूली के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने ये आदेश पारित किए हैं।
कोर्ट ने इस मामले में केंद्र व राज्य सरकार सहित नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highway Authority of India) को जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि प्रतिवादियों द्वारा जवाब दाखिल करने के बाद अंतरिम राहत की प्रार्थना पर विचार किया जाएगा। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 22 जून को तय की है।
हाईकोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई में सनवारा टोल प्लाजा पर टोल टैक्स की वसूली पर दो जून तक रोक लगाई थी। इसके बाद टोल प्लाजा पार करने वाले वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जा रहा था। गौर हो कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से सनवारा में स्थापित टोल प्लाजा पर 19 अप्रैल से टोल लेना शुरू किया गया था।
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सनवारा में टोल प्लाजा की स्थापना अवैध और नियमों के विपरीत है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नियमों के अनुसार 60 किलोमीटर की दूरी के भीतर एक ही खंड में कोई टोल प्लाजा स्थापित नहीं किया जा सकता है, जबकि अन्य टोल प्लाजा जिला पंचकूला के चंडी मंदिर और जिला सोलन के परवाणू में भी स्थापित हैं। ये दोनों सनवारा टोल प्लाजा से 60 किलोमीटर के भीतर हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा मेसर्स जी.आर इंफ्राप्रोजेक्ट्स द्वारा 95 प्रतिशत काम पूरा करने का कंप्लीशन सर्टिफिकेट गलत और मनमाने ढंग से जारी किया गया है। याचिकाकर्ता के अनुसार निर्माण कार्य पूरा होने से पहले टोल लगाया गया है जबकि कुमारहट्टी, सपरून और परवाणू में टिम्बर ट्रेल रिजॉर्ट में फ्लाईओवर और उसके अंडरपास के निर्माण कार्य का अधिकांश हिस्सा भी पूरा नहीं हुआ है। इसे पूरा करने में महीनों या एक साल लग सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि आम जनता अधूरी सुविधाओं के लिए अत्यधिक दरों पर टोल देने को मजबूर है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि टोल रोड का ठीक से रखरखाव नहीं किया गया है और खंड का हिस्सा दुर्घटना संभावित है, क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ कस्बों और गांवों से टोल रोड में शामिल होने वाली सड़कों की कोई उचित बैरिकेडिंग नहीं है।
याचिकाकर्ता ने सनवारा स्थित अपने टोल प्लाजा पर प्रतिवादियों को टोल शुल्क जमा करने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने की अदालत से प्रार्थना की है। याचिकाकर्ता ने टोल प्लाजा को पार करने वाले वाहनों द्वारा देय टोल शुल्क तय करने वाली अधिसूचना को रद्द करने की भी अदालत से गुहार लगाई है।