शिमला,3 जून : करीब चार साल पहले शिमला के कोटखाई में 10वीं की छात्रा को दुष्कर्म के बाद बर्बर तरीके से मौत के घाट उतारने वाले मामले में दोषी करार दिए गए नीलू नामक चिरानी की सजा पर सुनवाई गुरुवार को भी नहीं हो सकी। अब सजा पर सुनवाई 8 जून को होगी।
कोरोना कर्फ्यू की बंदिशों के कारण दोषी को आज कोर्ट में पेश करना मुश्किल था। ऐसे में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 8 जून की तारीख तय की है।
ये लगातार चौथा मौका है, जब इस मामले की सुनवाई आगे सरका दी गई है। दरअसल पूरे प्रदेश में 7 मई से कोरोना कर्फ्यू लागू है, जो कि 7 जून तक रहेगा। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की कोर्ट ने 28 अप्रैल को अभियुक्त नीलू को इस मामले में दोषी करार दिया था। इसके बाद 11 मई को कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाने की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन कोरोना कर्फ्यू लागू होने के चलते कोर्ट ने मामले की सुनवाई 18 मई को रखी थी। इसके बाद 28 मई और अब 3 जून को भी सज़ा पर सुनवाई नहीं हो पाई।
गौर हो कि 4 जुलाई, 2017 को शिमला जिले के कोटखाई की एक छात्रा स्कूल से लौटते समय लापता हो गई थी। 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में पीड़िता का शव मिला। जांच में पाया गया कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। किशोरी के साथ दरिंदगी की इस वारदात के खिलाफ जबरदस्त जनाक्रोश देखने को मिला था। आक्रोशित लोगों की भीड़ ने कोटखाई थाने को आग के हवाले कर दिया था। प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द की थी।
सीबीआई ने डीएनए परीक्षण के आधार पर अप्रैल 2018 में नीलू नामक चिरानी को गिरफ्तार किया था। जुलाई 2018 में सीबीआई ने नीलू के विरुद्ध कोर्ट में चालान पेश किया था। इस मामले में सीबीआई ने 55 गवाहों के बयान दर्ज किए। अदालत ने भारतीय दंड संहिता और बच्चों के यौन अपराध से संरक्षण कानून की विभिन्न धाराओं के तहत नीलू को दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया है।