पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): हालैंड की तर्ज पर गुरु की नगरी पांवटा साहिब में 41 कूड़ादान भूमिगत होंगे। इस सपने को हकीकत बनाने के लिए शहरी विकास विभाग ने कदम बढ़ा दिए हैं। नगर परिषद पांवटा ने उन स्थानों को चयनित कर लिया है, जहां पर भूमिगत कूड़ादान बनेंगे। बकायदा चयनित स्थानों को गूगल मैप पर भी देखा जा सकता है। भूमिगत कूड़ेदान की गहराई 20 फुट होगी, जबकि चौड़ाई 10 फुट रखी गई है। इसी के बूते योजना यह भी है कि कचरे से बिजली का उत्पादन भी किया जाए।
गूगल मैप में पांवटा शहर में लाल रंग के राउंड से उन स्थानों को दर्शाया गया है, जहां कूड़ादान बनेंगे।राज्य में कांगड़ा व सुंदरनगर को भूमिगत कूड़ादान बनाने के लिए चयनित किया गया है। तीनों स्थानों के लिए करीब 20 करोड़ रुपए का बजट भी मंजूर हो चुका है। घरों से निकलने वाले ठोस व तरल कचरे को इन भूमिगत कूड़ादानों में डाला जाएगा। भूमिगत कूड़ादानों से के्रन के माध्यम से घरों की गंदगी को लिफ्ट किया जाएगा। हालांकि इस सपने को पूरा होने में वक्त लगेगा, लेकिन पांवटा नगर परिषद स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में पहले से ही जुटी हुई है। भूमिगत कूड़ादानों को तीन हिस्सों में वर्गीकृत किया जाएगा। इसमें सडऩे वाला कचरा अलग होगा, जबकि न सडऩे वाला अलग डंप होगा। इसके अलावा तीसरी श्रेणी हैजर्ड वेस्ट की होगी।
नगर परिषद के सफाई पर्यवेक्षक प्रदीप दीक्षित का कहना है कि भूमिगत कूड़ादानों को लगाने का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। कुछ दिनों में पूरी योजना नगर परिषद को मिल जाएगी। सनद रहे कि शहर में क्लीन पांवटा, ग्रीन पांवटा ने भी खासी रफ्तार पकड़ी हुई है। यह कार्य सामान्य कार्य से हटकर किया जा रहा है। कुल मिलाकर यह तय है कि अगर पांवटा शहर इसी तरह से संपूर्ण स्वच्छता अभियान में बढ़-चढक़र हिस्सा लेता रहा तो निश्चित तौर पर शहर देश की बेहतरीन क्लीन सिटी की सूची में शामिल हो सकता है।