शिलाई/नाहन, 2 अप्रैल : वैश्विक महामारी में सैंपलिंग को लेकर शुरू से ही रिपोर्ट को लेकर सवाल उठते रहे हैं। वीरवार दोपहर बाद से एक मामला चर्चा में है। इसमें शिलाई क्षेत्र के रहने वाले वीरेंद्र की मेडिकल काॅलेज से कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव बताई गई। ये टैस्ट दोपहर सवा एक बजे के आसपास हुआ। चूंकि इस पर संशय था, लिहाजा परिजनों ने वीरेंद्र के टैस्ट को शहर के निजी साईं अस्पताल में करवाने का भी फैसला लिया।
आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि निजी प्रयोगशाला की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। चार घंटे के भीतर ही विरोधाभास रिपोर्टस ने परिवार को भी संशय में डाल दिया। बता दें कि शिलाई क्षेत्र के रहने वाले 23 वर्षीय वीरेंद्र को टाइफाइड की बीमारी के चलते नाहन मेडिकल काॅलेज रैफर किया गया था। पहुंचते ही कोविड सैंपल लिया गया। साथ ही आरटीपीसीआर की जांच में वीरेंद्र को पाॅजिटिव बताया गया था।
इस मामले से जुड़ी दोनों रिपोर्टस एमबीएम न्यूज नेटवर्क के पास मौजूद हैं। इसमें साफ तौर पर यह जाहिर हो रहा है कि एक शख्स की दोनों रिपोर्टस के नतीजे अलग-अलग हैं। उधर, जानकारों का कहना है कि मेडिकल काॅलेज प्रबंधन को भी बीती शाम ही निजी अस्पताल से रिपोर्ट के नेगेटिव आने की भनक लग गई थी। इसके बाद हडकंप मचा रहा।
वीरेंद्र के परिजनों का ये भी आरोप था कि सैंपल लिए बिना ही रिपोर्ट को पाॅजिटिव बता दिया गया था। बाद में आनन-फानन में सैंपल लेने के बाद पाॅजिटिव रिजल्ट बताया गया। कुल मिलाकर सवाल ये उठता है कि कौन सच बोल रहा है। भरोसा किस पर किया जाए। जानकारों का ये भी कहना है कि इस तरह के कई अन्य मामले भी उजागर हो सकते हैं।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन पक्ष नहीं मिल पाया है। लिहाजा, लिखित पक्ष मिलने की सूरत में प्रकाशित किया जाएगा।