मंडी , 28 मार्च : जिला के करसोग में मौसम की पड़ी मार से किसानों की कमर तो टूटी है, लेकिन अब इसका असर मंडियों में भी दिखने लगा है। उपमंडल के तहत चुराग सब्जी मंडी की बात करें तो यहां रबी सीजन में मटर कारोबार आधे से भी कम रहने के आसार नजर आ रहे हैं। करसोग में मटर सीजन शुरू हो गया है, लेकिन स्थिति है कि मंडी में बहुत ही कम मात्रा में मटर पहुंच रहा है। जिससे आढ़तियों के पास प्रदेश की अन्य मंडियों में मटर भेजने के लिए लोड भी पूरा नहीं हो रहा है। ऐसे में कम फसल होने से आढ़तियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
रबी सीजन में मटर ली जाने वाली प्रमुख फसल है। यहां लोगों की आर्थिकी का मुख्य साधन मटर की फसल है। ऐसे में अधिकतर क्षेत्रों में मटर की बिजाई की गई है। सर्दियों के मौसम में सूखा पड़ने से आधे से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है। जिससे मंडियों में भी बहुत कम मटर पहुंच रहा है।
अकेले चुराग सब्जी मंडी में हर साल औसतन 40 से 60 लाख तक मटर कारोबार होता है, लेकिन इस बार यही कारोबार आधे से भी कम रहने के आसार है। यही नहीं सूखे की वजह से किसानों के सामने भी रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।
करसोग में इस बार 540 बीघा भूमि पर सब्जियों की बिजाई की गई है। इसमें अकेले 325 बीघा भूमि में किसानों ने मटर लगाया है। ऐसे में सामान्य से कम हुई बारिश की वजह से मटर की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों ने बीज के लिए हजारों रुपए खर्च किए हैं। यहां तक कि बहुत से किसानों ने तो बीज खरीदने के लिए बैंकों से लोन भी निकाला है। इस सूखे की मार से किसानों को बैंक की किश्त चुकानी भी मुश्किल हो गई है।
चुराग सब्जी मंडी के आढ़ती मीना राम का कहना है कि बारिश न होने से मटर की फसल बर्बाद हो गई है। उन्होंने बताया कि पिछली साल चुराग मंडी में 40 से 60 लाख का मटर कारोबार हुआ था, लेकिन इस बार यही कारोबार 10 लाख तक रहने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि इससे आढ़तियों को भी काफी नुकसान होगा।
60 फीसदी मटर की फसल चढ़ी सूखे की भेंट
विकासखंड करसोग के कृषि विभाग के विषय वार्ता विशेषज्ञ मुंशी राम ठाकुर का कहना है कि करसोग में 60 फीसदी मटर की फसल सूखे की वजह से बर्बाद हुई है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है।