मंडी, 24 मार्च : नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही नवगठित नगर निगम मंडी के लिए मुकाबला शुरू हो गया है। जिला में मुकाबला सीएम जयराम ठाकुर बनाम कांग्रेस होने जा रहा है। यह नगर निगम एक तरफ जहां सीएम जयराम ठाकुर के इज्जत का सवाल बन गई है। वहीं कांग्रेस यहां पर जीत हासिल करके अपना कद बढ़ाने की फिराक में है।
प्रदेश सरकार के निर्णय के बाद हिमाचल प्रदेश में तीन नई नगर निगमों का गठन किया गया और उसके बाद अब यहां पर चुनावी रण शुरू हो गया। पार्टी सिंबल पर हो रहे चुनावों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने चुनावी योद्धा मैदान में उतार दिए हैं। नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है और अब आमने-सामने की जंग शुरू हो गई। नगर निगम मंडी की बात करें तो यहां प्रत्याशियों के बीच नहीं बल्कि सीएम जयराम ठाकुर और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है।
सीएम जयराम ठाकुर मंडी जिला से संबंध रखते हैं और ऐसे में यहां पर जीत हासिल करना उनके लिए इज्जत का सवाल बन गया है। इज्जत पर अधिक दांव उस वजह से भी लगा है क्योंकि खुद सीएम जयराम ठाकुर ने ही नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा दिया है। यही कारण है कि जयराम ठाकुर ने कार्यकर्ताओं से स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि उन्हें मेयर बनाने लायक नहीं बल्कि सारी नगर निगम यानी 15 सीटों पर कब्जा चाहिए।
क्योंकि इसके बाद मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनावों और फिर 2022 के विधानसभा चुनावों की दिशा भी तय होने वाली है। भाजपा के लिए चिंता वाली बात यह हो सकती है कि नगर निगम बनाने के लिए जो ग्रामीण क्षेत्र शामिल किए गए हैं वहां के लोगों में इस बात को लेकर रोष है। हालांकि उन्हें भी जनसंख्या के आधार पर बाहर करने का सपना सीएम ने दिखा दिया है।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ने संदेश देने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस इस फ़िराक में है कि सीएम को उन्हीं के घर में मात दी जाए। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री जीएस बाली को मुख्य चेहरा बनाकर यहां भेजा है। हालांकि उनके साथ कुल्लू के विधायक सुंदर ठाकुर, शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह, पूर्व प्रत्याशी आश्रय शर्मा, चंपा ठाकुर और अन्य बड़े चेहरे शामिल हैं। लेकिन इन सभी का सत्ता से सीधा मुकाबला है।
यही कारण है कि कांग्रेसी नेताओं ने पहले से ही यह आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। पूर्व मंत्री जीएस बाली का कहना है कि मंडी में मुकाबला धनशक्ति और जनशक्ति के बीच है। वहीं सीएम को घेरने के लिए कांग्रेस यह भी कहने लग गई है कि सीएम भी कई बार हारें है, इसलिए गुमान नहीं करना चाहिए।
दोनों दलों की तरफ से जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया जा रहा है, लेकिन दोनों के लिए जीत हासिल करना उतना आसान भी नहीं। मतदाताओं के मन में क्या है। इसका पता परिणामों से ही चल पाएगा और परिणाम ही बताएंगे कि किसे ताज मिला है और किसे झटका लगा है।