नाहन, 17 मार्च : सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के सराहां आईटीआई भवन के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्टे के आदेश जारी किए हैं। आईटीआई भवन को टिक्कर से काहन शिफ्ट करने के खिलाफ ग्रामीणों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
भाजपा सरकार ने आईटीआई भवन का काहन में दोबारा से शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था। इन दिनों काहन गांव में आईटीआई भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के अधिवक्ता रूपेंद्र पुंडीर ने बताया कि सराहां आईटीआई भवन के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल कार्य रोकने तथा यथास्थिति को बनाए रखने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही वहां पर पेड़ों की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देंश भी दिए हैं।
प्रदेश सरकार को एक माह के भीतर लिखित जवाब भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करना होगा। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में टिक्कर के ग्रामीणों ने बताया था कि काहन में जहां पर आईटीआई भवन बन रहा है, वहां पर वन विभाग की चीड़ के पेड़ों की प्लांटेशन की गई थी। जिसमे से कुछ पेड़ों को काट दिया गया है।
आईटीआई निर्माण के लिए पांच बीघा भूमि की शर्त थी, जिसे पूरा नहीं किया गया है। विदित रहे कि कांग्रेस सरकार में टिक्कर गांव में बन रहे मॉडल डिग्री कॉलेज के समीप ही आईटीआई भवन को पांच बीघा जमीन ग्रामीणों ने दान दी थी। जिसका शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा करवाया गया था। इसके बाद भाजपा के सत्ता में आने के बाद पच्छाद के विधायक तथा वर्तमान में सांसद सुरेश कश्यप ने काहन गांव में आईटीआई का दोबारा से शिलान्यास किया, जिसके बाद वहां पर आईटीआई का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
बता दें कि पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के सराहां डिग्री कॉलेज को लेकर भी कांग्रेस तथा भाजपा सरकारों ने कई बार अधिसूचना रद्द की थी। आखिर में जब कांग्रेस हाईकोर्ट में पहुंची, तब जाकर सराहां में डिग्री कॉलेज शुरू हुआ था।