मंडी, 17 मार्च : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. आरजी आनंद ने सभी अधिकारियों से मंडी जिला को ‘बाल मित्र जिला’ बनाने के संकल्प के साथ कार्य करने का आहवान किया है।
डॉ. आनंद बुधवार को जिले के अधिकारियों के साथ बाल अधिकारों के संबंध में समीक्षा एवं परामर्श बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में बोल रहे थे। बैठक में उन्होंने जिला में बाल कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों, शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम व स्वास्थ्य संबंधी कार्यों की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने जिला में बाल कल्याण को समर्पित विभिन्न सरकारी योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन पर प्रसन्नता जताई। डॉ. आनंद ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बच्चों को परामर्श प्रदान करने एवं सहायता उपलब्ध करवाने के लिए आयोग ने ‘संवेदना’ नाम से टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू की है। 1800-121-2830 संवेदना हेल्पलाइन नंबर पर बच्चों को भारत की विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में कोविड-19 से संबंधित परामर्श एवं मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।
इसके अलावा आयोग ने सशस्त्र सेनाओं के शहीदों के बच्चों को परामर्श एवं सहायता प्रदान करने के लिए टेली काउंसिलिंग सुविधा ‘सहारा’ आरंभ की है। यह सुविधा निशुल्क दूरभाष नंबर 1800-1-236-236 पर उपलब्ध है। उन्होंने जिला में सभी पुलिस थानों में बाल मित्र कॉर्नर बनाने के निर्देश दिए। साथ ही बाल अधिकार संरक्षण गतिविधियों से जुड़ी रिपोर्टिंग के लिए उपयुक्त तंत्र विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने जिला प्रशासन को व्यापक अभियान चलाकर मादक द्रव्यों के सेवन की समस्या के पूर्ण उन्मूलन के लिए कार्य करने को कहा।
बैठक में उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य सुचित्रा ठाकुर, महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त सचिव भावना शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं अन्य भी मौजूद रहे।