नाहन, 9 मार्च : बेशक ही हिमाचल के पशुपालन विभाग को पहली महिला निदेशक मिल चुकी है, लेकिन फील्ड में महिला के तौर पर उपनिदेशक बनने का रुतबा डाॅ. नीरू शबनम को हासिल है। वो इस समय सिरमौर में पशु पालन विभाग की उपनिदेशक के पद पर तैनात हैं।
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1992 में पशु चिकित्सा अधिकारी के तौर पर अपना कैरियर शुरू करने वाली डाॅ. नीरू को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की मंत्री सरवीन चौधरी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर शिमला के पीटरहाॅफ में बेहतरीन सेवाओं के लिए अंलकृत किया। इस अवसर पर डाॅ. नीरू शबनम को प्रशस्तिपत्र सौंपा गया।
राज्य स्तरीय समारोह में सम्मान मिलने पर डाॅ. नीरू शबनम ने एमबीएम न्यूज से बातचीत में कहा कि निश्चित तौर पर उत्साह बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जब वो 90 के दशक में पशु चिकित्सा अधिकारी बनी थी, उस समय माता-पिता अपनी बेटियों को इस प्रोफैशन में नहीं भेजना चाहते थे।
बता दें कि डाॅ. नीरू शबनम हिमाचल की दूसरी महिला हैं, जिन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारी के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की पहली काऊ सेंचुरी को पच्छाद के कोटला बड़ोग में स्थापित करने में डाॅ. नीरू शबनम की अहम भूमिका रही है।
बता दें कि पशुपालन विभाग की पहली महिला अधिकारी प्रियदर्शनी चौधरी निदेशक के पद तक पहुंचने में सफल रही थी, लेकिन उन्होंने फील्ड की जिम्मेदारी को नहीं निभाया था। इस समय विभाग में सबसे वरिष्ठ महिला अधिकारी के तौर पर डाॅ. नीरू शबनम को ही पहचाना जाता है। निदेशक के पद से प्रियदर्शनी चौधरी करीब एक साल पहले रिटायर हो चुकी हैं। जबकि डाॅ. नीरू को रिटायर होने में लगभग सवा तीन साल का समय है।