सुंदरनगर (नितेश सैनी) : हिमाचल प्रदेश स्टेट फॉरेस्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से सेवानिवृत्त चालकों को 15 साल बाद भी पेंशन नहीं मिली है। मार्च 2012 में उच्च न्यायालय ने एक अन्य मामले का हवाला देते हुए कॉरपोरेशन को दो माह के अंदर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सभी लाभ देने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद कॉरपोरेशन की ओर से ढिलमुल रवैया अपनाया जा रहा है। इस कारण सेवानिवृत्त चालक पेंशन से वंचित है।
गौरतलब है कि चालक खूब राम 31 जुलाई 2000 व देवीशरण 30 जून 2004 को सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने पेंशन के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी की लेकिन फिर भी पेंशन नहीं मिली। उन्होंने न्यायालय में याचिका दायर की। न्यायालय ने 13 मार्च 2012 को उनके हक में फैसला सुनाते हुए कॉरपोरेशन को दो माह के अंदर पेंशन देने के निर्देश दिए थे।
कॉरपोरेशन ने उन्हें कई औपचारिकताओं में उलझाकर रखा। हर बार उन्हें पेंशन देने के लिए लटकाया जा रहा है। पेंशन न मिलने से उन्हे परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है। खूब राम व देवीशरण ने बताया कि कॉरपोरेशन ने जो औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा था उन्हें पूरा कर दिया है। इसके बावजूद उन्हे पेंशन नहीं दी जा रही है। उन्होंने कॉरपोरेशन से जल्द पेंशन देने की मांग की है। वहीँ इस बारे स्टेट फॉरेस्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन नॉर्थ जोन धर्मशाला के निदेशक सुरेद्र कुमार का कहना है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन देने की प्रक्रिया जारी है। यह मामला शिमला भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलते ही पेंशन दे दी जाएगी।