मंडी (विरेंद्र भारद्वाज) : वीरवार को देश भर में राष्ट्रीय पेंशनर दिवस बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हिमाचल पेंशनर कल्याण संघ की तरफ से राज्य स्तरीय समारोह सुंदरनगर में आयोजित किया गया। यहां के देहरी स्थित वृद्ध आश्रम में पेंशनर दिवस पर आयोजित समारोह में हिमाचल प्रदेश पेंशनर कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह जसवाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। समारोह मे दौरान 80 वर्ष से अधिक आयु पूरी कर चुके पेंशनरों को शाल और टोपी देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही पेंशनरों को पेंशनर दिवस के बारे में जानकारी भी दी गई। बताया गया कि 17 दिसंबर को देश की सर्वोच्च अदालत ने पेंशन को पेंशनरों का मौलिक अधिकार बताते हुए इसे अनिवार्य किया था इसी के चलते हर वर्ष 17 दिसंबर को राष्ट्रीय पेंशनर दिवस के रूप में मनाया जाता है। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह जसवाल ने कहा कि आज पेंशनरों को उनका मौलिक अधिकार तो मिल रहा है लेकिन इस मौलिक अधिकार के लिये पेंशनरों को संघर्ष के रास्ते पर चलना पड़ रहा है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि मौजूदा समय में इस व्यवस्था को समाप्त किया जा रहा है। जसवाल ने कहा कि वर्षों पहले पेंशनरों के लिये जो नीति बनी थी आज भी उसी को अपनाया जा रहा है और इसमें न तो कोई नये नियम जोड़े गये और न ही बदलाव किया गया। इनका कहना है कि 7वें वेतन आयोग में भी पेंशनरों को कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। इन्होंने सरकार से पेंशनरों के बारे में नई नीति बनाने की मांग उठाई है जो इनके हक में हो और उससे इन्हें ज्यादा लाभ मिले।
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