नाहन, 22 जनवरी : दशकों तक पंचायतीराज संस्थाओं में सक्रिय रहने वाले हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड के चेयरमैन बलदेव भंडारी की बेटी कमलेश भंडारी ने सियासी पारी शुरू की है। बीडीसी नाहन के काटली वार्ड से कमलेश भंडारी ने 234 मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया है। वार्ड नंबर 8 में कमलेश भंडारी का मुकाबला मंजुला शर्मा से था। चुनाव में बीजेपी के शीर्ष नेता बलदेव भंडारी की बेटी को 1183 मत प्राप्त हुए, जबकि मंजुला शर्मा को 949 वोट हासिल हुए। 27 मत रद्द हुए, वहीं नोटा को 9 वोट हासिल हुए। भाजपा के शीर्ष नेता दशकों से पंचायतीराज संस्थाओं में चुनाव लड़ते रहे हैं।
भंडारी को बीडीसी सदस्य व प्रधान इत्यादि के पदों पर रहने का मौका मिला। खास बात यह है कि वो पच्छाद के जामन की सैर क्षेत्र से कभी चुनाव नहीं हारे। हालांकि, स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस बार जामन की सैर क्षेत्र से पंचायतीराज के अहम पद आरक्षित हो गए थे, लिहाजा वो खुद चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे। इसी बीच बेटी को नाहन बीडीसी के काटली वार्ड से मैदान में उतारने का फैसला लिया था।
ये है सफर….
भाजपा के शीर्ष नेता बलदेव भंडारी 2015 में पंचायत प्रधान बने थे। 35 साल से पंचायत में वर्चस्व कायम रखा। तीन साल तक भंडारी बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रहे। 1985 में पहली बार बलदेव भंडारी को पंचायत प्रधान बनने का मौका मिला था। उस वक्त बीडीसी का सदस्य भी पंचायत प्रधान ही होता था। पहली पारी में ही बीडीसी के उपाध्यक्ष बन गए थे। 1990 में भंडारी दोबारा प्रधान व बीडीसी सदस्य बने। 1995 में भाजपा नेता अपने क्षेत्र से बीडीसी सदस्य निर्वाचित हुए। 2000 के चुनाव में बलदेव भंडारी को जामन की सैर से फिर पंचायत प्रधान चुना गया। 2005 में बीडीसी सदस्य निर्वाचित हुए। पिछले चुनाव में बलदेव भंडारी ने आसानी से पंचायत प्रधान का चुनाव दोबारा जीता। इस पंचायत में पांच वार्ड हैं।