नाहन, 01 दिसंबर : देश (Country) की राजधानी (Capital) में एक अनजान (Unknown) कोरोना संक्रमित बुजुर्ग (Old Person) के लिए सिरमौर के नाहन विकास खंड के आंबवाला का रहने वाले शिवी चौहान मददगार बना। हालांकि स्पष्ट नहीं है, लेकिन संभव है कि सिरमौर से शिवी चौहान पहले ही ऐसे शख्स बने हैं, जिन्होंने कोरोना संक्रमित के उपचार के लिए प्लाज्मा डोनेट (Plasma donation) किया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में शुरू से ही कोरोना संक्रमितों को स्वस्थ करने के लिए प्लाज्मा थैरेपी (Plasma Therapy) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका तर्क यह है कि संक्रमित व्यक्ति (Infected person) के ठीक होने के बाद उसके शरीर में रोग प्रतिरोधक (Anti body) क्षमता विकसित हो जाती है। इसका इस्तेमाल दूसरे संक्रमित को ठीक करने के लिए प्लाज्मा के माध्यम से किया जा सकता है। हिमाचल में कांगड़ा से पहले संक्रमित ने प्लाज्मा डोनेट करने को हामी भरी थी, लेकिन यह साफ नहीं है कि युवक ने बाद में प्लाज्मा डोनेट किया या नहीं।
बहरहाल शिवी चौहान की नेक सेवा में इंडियन यूथ कांग्रेस (Indian Youth Congress) की रिलीफ टीम (Relief team) कड़ी बनी है। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के आग्रह पर शिवी को नेक कार्य करने का अवसर मिला। 27 नवंबर को दिल्ली के ही एक अस्पताल में शिवी ने प्लाज्मा डोनेट किया, जिसे तुरंत ही रिलीफ टीम ने मैक्स अस्पताल में भर्ती एक कोरोना संक्रमित बुजुर्ग को उपलब्ध करवाया। बुजुर्ग के लिए कई घंटों के संघर्ष के बाद प्लाज्मा का इंतजाम हो पाया था।
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि वो भारतीय युवा कांग्रेस के सचिव शिवी चौहान, दिल्ली युवा कांग्रेस के गौरव कौशिक, दिव्यांश, गिरधर व जय प्रकाश के समपर्ण को सलाम करते हैं। बता दें कि इस समय शिवी चौहान (Shivi Chauhan) को हरियाणा यूथ कांग्रेस (Youth congress) की भी जिम्मेदारी मिली हुई है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली बाॅर्डर (Delhi Border) पर आंदोलन (Agitation) कर रहे किसानों को जरूरत का सामान उपलब्ध करवाने में भी भूमिका निभा रहे हैं।
ऐसे हुए थे संक्रमित…
दिल्ली में ही शिवी चौहान कोरोना संक्रमित हुए थे। आइसोलेशन (Isolation) के साथ-साथ तीन दिन तक राजधानी के ही एक अस्पताल (Hospital) में दाखिल रहे। इसके बाद काफी समय होम आइसोलेशन में भी बिताया। 20 अक्तूबर के बाद पूरी तरह से रिकवर हो गए। वापस अपने सामाजिक कार्यों (Social Works) के साथ-साथ संगठन की जिम्मेदारियों में तैनात हो गए। बातचीत के दौरान शिवी चौहान ने कहा कि प्लाज्मा डोनेशन खुद में ही एक सुकून देने वाला पल था। उनका कहना था कि यह प्रक्रिया ठीक उसी तरह से होती है, जैसे रक्तदान (Blood donation) किया जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आना चाहिए।