शिमला, 21 नवंबर: हिमाचल की आईपीएस (IPS) बेटी “मोहिता शर्मा गर्ग” ने छोटी उम्र में दो बड़े मुकाम हासिल किए हैं। 2017 में करीब 27 साल की उम्र में जब यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में सफलता पाई तो माता-पिता सहित परिवार का सीना फक्र से चौड़ा हो गया। अब चंद रोज पहले केबीसी (KBC) में करोड़पति बनकर समूचे हिमाचल को गौरवान्वित (Proud) किया।
बेशक ही गूगल सर्च (Google Search) पर मोहिता से बेशुमार जानकारियां (Information) सामने आ जाती हैं, लेकिन कई बातें हैं, जो अब भी सामने नहीं आई हैं। मूलतः हिमाचल के ऊना व कांगड़ा जिला की सीमा की रहने वाली आईपीएस मोहिता शर्मा का परिवार लंबे अरसे पहले दिल्ली में इसलिए सैटल (Settle) हो गया था, क्योंकि पिता मारूति उद्योग में कार्यरत थे। इस समय 2017 बैच की आईपीएस जम्मूू-कश्मीर में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
सोचिए, आज के दौर में भी बेटी व बेटे के बीच अंतर समझा जाता है। लेकिन मोहिता(30) के माता-पिता ने बेटी के जन्म पर इस बात का अहसास कर लिया था कि बेटियां अनमोल होती हैं। इकलौती बेटी की इस तरीके से परवरिश की कि वो आज परिवार का नाम देश नहीं, बल्कि विदेशों में भी रोशन कर चुकी है। निश्चित तौर पर मोहिता के माता-पिता नीलम शर्मा व सोमदत्त शर्मा “बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों के असल ब्रांड एंबेस्डर (Brand Ambassador) हैं।
कहते हैं, हरेक पुरुष की सफलता के पीछे एक महिला होती है, लेकिन केबीसी में आईपीएस मोहिता की सफलता के पीछे पुरुष का हाथ है। भारतीय वन सेवा अधिकारी (Indian Forest Services) रुशल गर्ग के प्रोत्साहन (Encouragement) के बूते मोहिता ने केबीसी में सफलता (Success) अर्जित की है। आईएफएस रूशल गर्ग 2001 से केबीसी में हिस्सा लेने की कोशिश कर रहे थे। अक्तूबर 2019 में मोहिता से परिणय सूत्र में बंधे रूशल ने मोहिता के लिए केबीसी का प्रयास शुरू किया। इसका नतीजा एक साल के भीतर ही सामने भी आ गया है।
पढ़िए, एमबीएम न्यूज नेटवर्क की आईपीएस मोहिता शर्मा से खास बातचीत…
सवाल: केबीसी में जीती एक करोड़ रुपए की राशि का क्या कर रही हैं?
जवाब: फिलहाल राशि को अकाउंट में पहुंचने में कुछ समय लगेगा। वैसे भी मैंने अब तक यह नहीं सोचा है कि इस राशि को कैसे खर्च करना है। परिवार की सहमति से ही राशि खर्च करूंगी।
सवाल: हिमाचल आने का समय मिलता है या नहीं?
जवाब: जी बिल्कुल, ऊना व कांगड़ा में आना-जाना रहता है। पैतृक गांव हैं तो निश्चित ही माता-पिता के साथ भी आती हूं। परिवार ऊना के नारी गांव में डेरा बाबा रूद्रानंद जी महाराज का अनुयायी है।
सवाल: युवाओं को आईपीएस व केबीसी विजेता बनने का क्या संदेश देना चाहती हैं?
जवाब: देखिए, संयम सबसे बड़ी पूंजी होती है। यूपीएससी को क्रैक करने के लिए लगातार मेहनत करती रही। केबीसी में भी पति का संयम मेरी सफलता में एड हुआ। अगर दोनों ही सफलताओं में संयम नहीं होता तो शायद इस मुकाम पर पहुंचना मुश्किल होता।
सवाल: केबीसी की सफलता के बारे में बताएं।
जवाब: हालांकि यूपीएससी की परीक्षा में सामान्य ज्ञान में मेहनत करनी होती है, लेकिन केबीसी की कामयाबी में पूरा योगदान हसबैंड का है, जिन्होंने न केवल प्रेरित किया, बल्कि केबीसी को लेकर लंबे अनुभव को भी साझा करते हुए तैयारी करवाई।
सवाल: क्या, आप एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का हिस्सा बनना चाहेंगी?
जवाब: क्यों नहीं, अगर मेरे राज्य में छात्रों के लिए इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है तो निश्चित तौर पर बच्चों का मनोबल बढ़ाकर बेहद ही सुकून मिलेगा।
सवाल: क्या आप हाॅट सीट पर बैठकर नर्वस हुए थे?
जवाब: स्वाभाविक सी बात है कि इस स्तर के शो में नर्वस होना लाजमी है। धीरे-धीरे एडजस्ट होकर सवालों का सामना किया।
सवाल: महानायक अमिताभ बच्चन ने भी आपको टिवटर पर फाॅलो करना शुरू किया है, कैसा लगता है?
जवाब: जी, अच्छा लगा कि केबीसी के होस्ट अमिताभ बच्चन जैसी हस्ती द्वारा फाॅलो किया जा रहा है।
बता दें कि बातचीत के दौरान आईपीएस मोहिता शर्मा को माता-पिता द्वारा दिए गए संस्कार साफ तौर पर झलक रहे थे। हल्का सा भी सफलता का गुरुर नजर नहीं आया। काॅल रिसीव न कर पाने पर स्वयं ही काॅल बैक किया।