नाहन, 11 नवंबर : शिलाई उपमंडल के थुुंबारही गांव में जन्में अपाहिज (Handicapped) बिट्टू को नरकीय जीवन (Hellish life) से निकालने की कोशिश जारी है। मगर टीम बड़का भाऊ को कई दुष्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। बिट्टू ने कैंसर (Cancer) से मां को खोया, जबकि टीबी (Tuberculosis) ने पिता का जीवन लील लिया। पोलियो (Polio) के साथ-साथ कुपोषण (Malnutrition) के शिकार बिट्टू को कुछ सप्ताह पहले दुर्गम गांव में पहुंचकर गोद लेने का (Adopt) ऐलान किया था।
बुधवार को नाहन में एक पत्रकारवार्ता (Press Conference) के दौरान समाजसेवी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा इलाज (Treatment) में अड़चन पैदा की जा रही है। पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने बिट्टू को हर माह 500 रुपए देने का ऐलान (Announcement) किया था, लेकिन दूसरे महीने यह राशि (Amount)भी नहीं आई। उनका कहना है कि एक सप्ताह से वो चंडीगढ़ के नामचीन (Famous)अस्पतालों में बिट्टू को लेकर चक्कर काट रहे हैं। उनका इलाज के लिए यह कहकर मना कर दिया गया कि बिट्टू हिमाचल से है। एक अपाहिज बिट्टू के आगे पूरा सिस्टम (System)अपाहिज हो चुका है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल द्वारा इलाज के लिए लाखों की राशि मांगी जा रही है।
उन्होंने चेताया कि अगर 48 घंटे के भीतर सरकार ने बिट्टू के इलाज की व्यवस्था नहीं की तो सिरमौर के डीसी के आवास से भीख मांगने (Begging) का अभियान शुरू किया जाएगा। सरकार के मंत्रियों व विधायकों से भीख मांगी जाएगी। उन्होंने कहा कि या तो सरकार बिट्टू की मदद के लिए सामने आए या फिर उनकी टीम को प्रयास करने दिए जाएं।