नाहन – खस्ताहाल व भूमि अतिक्रमण को लेकर विवादों में रहे ऐतिहासिक देई जी साहिबा मंदिर के जीर्णोद्वार का कार्य आखिरकार हाईकोर्ट के आदेशों पर शुरू हो गया है। इंडियन नेशनल ट्रस्ट आफ आर्ट एंड कल्चर हैरीटेज ने पूजा अर्चना के बाद मंदिर के जीर्णोद्वार का कार्य शुरू कर दिया है। हिमाचल व उतराखंड की सीमा पर स्थित इस प्राचीन मंदिर की खस्ताहालत को लेकर गत वर्ष कुछ स्वंयसेवी संस्थाओं ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिस पर कारवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने इस मंदिर के जीर्णोद्वार का जिम्मा इंडियन नेशनल ट्रस्ट आफ आर्ट एंड कल्चर हैरीटेज को सौंपा है। बता दें कि इस मंदिर का निर्माण कार्य जियोटेक्नोलोजी से किया रहा है। इस तकनीक से बनने वाला अपने आपमें प्रदेश का यह पहला मंदिर होगा। जानकारी के मुताबिक मंदिर के जीर्णोद्वार के लिए संस्था ने करीब 80 लाख रूप्ये का प्रारूप सौंपा है। इंडियन नेशनल ट्रस्ट आफ आर्ट एंड कल्चर हैरीटेज की प्रदेश संयोजक मालविका पठानिया के अनुसार शुरूआती चरण में मंदिर के सुरक्षा दीवार का कार्य बरसात से पहले पूरा किया जाएगा। जिसके बाद मंदिर के शेष बचा कार्य भी तेजी से किया जाएगा। गौर हों कि देई जी साहिबा मंदिर निर्माण के लिए तत्कालीन सिरमौर रियासत के राजा ने 2400 बीघा भूमि दान की थी जो अवैध कब्जों के चलते आज के समय में मात्र 350 बीघा रह गई है।
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