शिमला,02 नवंबर : हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों (Private schools) व संस्थानों (Institutions) को पूरी फीस (Fees) लेने के लिए अधिकृत (Authorized) करने के निर्णय (Decision) के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच पांच नवम्बर को शिक्षा निदेशालय(Directorate of Education) शिमला पर जोरदार घेराव करेगा। मंच ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस निर्णय को तुरंत वापिस लिया जाए। निजी स्कूलों(Private Schools) द्वारा छात्रों व अभिभावकों की पूर्ण फीस वसूली में की जा रही मानसिक प्रताड़ना (Mental Victimization) पर रोक लगाई जाए। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छः लाख छात्रों के दस लाख अभिभावकों सहित कुल सोलह लाख लोगों से निजी स्कूलों की पूर्ण फीस उगाही का पूर्ण बहिष्कार करने की अपील की है।
उन्होंने सोमवार को कहा कि पूर्ण फीस वसूली (fees) पर कैबिनेट (Cabinet) का निर्णय बेहद चौंकाने वाला तथा छात्र व अभिभावक विरोधी है। इस निर्णय के आने के बाद निजी स्कूलों ने छात्रों व अभिभावकों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों व संस्थानों ने दोबारा से छात्रों व अभिभावकों को पूर्ण फीस(Full Fees) जमा करने के लिए मोबाइल मैसेज (Mobile Message) भेजना शुरू कर दिए हैं। इन मैसेज में उन्हें डराया धमकाया (Threatening) जा रहा है कि अगर पूर्ण फीस जमा न की गई तो छात्रों को न केवल संस्थानों (Institute) से बाहर कर दिया जाएगा। अपितु उन्हें परीक्षाओं में भी नहीं बैठने दिया जाएगा। ऐसे अनेकों उदाहरण प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं। इसे जमा न करने की स्थिति में छात्रों को एग्जाम में न बैठने देने के धमकी भरे मैसेज भेजे जा रहे हैं।
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश सरकार की निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत (Collusion) का पर्दाफाश(Unearthed) हो चुका है। इस मिलीभगत के कारण ही सरकार ने मई महीने में जान बूझकर(Intentionally) अधिसूचना (Notification) में अस्पष्टता दिखाई ताकि वक्त आने पर निजी स्कूलों को इसकी आड़ में लूट की खुली इज़ाज़त दी जा सके। टयूशन फीस (Tuition fees) के अलावा बाकी अन्य चार्जेज़(Charges) सहित फीस माफी को अधिसूचना में जानबूझ कर नहीं दर्शाया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की निजी स्कूलों की लूट व मनमानी को सुनिश्चित करने की पराकाष्ठा है। शिमला जैसे विंटर स्कूलों(Winter Schools) में फाइनल एग्जाम की डेटशीट व पाठयक्रम भी जारी हो चुका है। एक भी दिन स्कूल नहीं लगे हैं। स्कूल का छात्रों पर कोई भी खर्चा नहीं हुआ है। उनके बिजली,पानी के बिल भी नाम मात्र हैं।