सुंदरनगर 1 सितम्बर : जंजैहली से लापता टीजीटी अध्यापक के शव को जलाशय से निकालने में बीबीएमबी(BBMB) का रवैया सवालों के घेरे मे आ गया है। बीते 23 अगस्त से लापता गोपाल सिंह का शव सोमवार दोपहर बाद जलाशय में होने की सूचना मिली थी। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बीबीएमबी को इस बारे सूचित किया।
पुलिस कर्मी पिछले कल दिन भर जलाशय के किनारे शव को जलाशय से निकालने वाले बीबीएमबी कर्मियों का इंतजार करते रहे, लेकिन कर्मचारी नहीं पहुंचे। हालांकि बीबीएमबी द्वारा शव को रखने के लिए स्ट्रेचर(Stretcher) अवश्य भेज दी गई। कई बार बीबीएमबी अधिकारियों को बोलने के बावजूद शव को जलाशय से निकालने के लिए कोई नहीं पहुंचा। पूरी रात शव बीएसएल जलाशय (BSL Reservoir) में ही पड़ा रहा। मंगलवार सुबह फिर से पुलिस ने बीबीएमबी को इस बारे सूचित किया। इसके बाद बीबीएमबी द्वारा कर्मचारियों को शव निकालने के लिए भेजा गया। शव ड्रेजिंग के कार्य में उपयोग में लाई जाने वाली पाइपों में फंसा हुआ था। सुबह कर्मचारियों ने शव को बाहर निकालकर पुलिस को सौंप दिया।
शव से बरामद हुए आधार कार्ड से ही मृतक की पहचान हो पाई। मृतक की पहचान गोपाल सिंह निवासी झूंगी के रुप मे हुई है। गोपाल सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगस्याड़ में टीजीटी अध्यापक के रुप मे कार्यरत था। परिजनों ने 23 अगस्त को जंजैहली पुलिस थाने(police) में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी। वहीं, बीबीएमबी के ढुलमुल रवैया पर सवाल उठाते हुए नाचन जनकल्याण समिति के अध्यक्ष ब्रह्मदास चौहान ने कहा कि बीबीएमबी को जलाशय बनाने के लिए स्थानीय लोगों ने अपनी जमीन दे रखी है उसके बावजूद भी बीबीएमबी का यह रवैया बहुत शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि अगर बीबीएमबी इस तरह का ढुलमुल रवैया अपनाता रहेगा तो लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने बीबीएमबी प्रशासन से मांग की है कि ऐसे शवों को जलाशय से बाहर निकालने के लिए उचित व्यवस्था की जाए। डीएसपी(DSP) गुरबचन सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।