चंबा, 16 जुलाई : जिला में हर साल मनाए जाने वाले पारंपरिक एवं सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक मिंजर को इस बार रस्मी तौर पर ही आयोजित किया जाएगा। इसके आयोजन की रूपरेखा को लेकर बचत भवन में चंबा के विधायक पवन नैयर की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि 26 जुलाई को कॉविड-19 के दिशा निर्देशों के मध्येनज़र मिंजर मेले का रस्मी तौर पर आगाज किया जाएगा। शुभारंभ के मौके पर पूजा अर्चना के साथ मिंजर अर्पित की जाएंगी। इसी तरह 2 अगस्त को मिंजर के समापन को भी रावी नदी में मिंजर प्रवाहित करने के साथ पूरा किया जाएगा।
बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि 26 जुलाई से प्रतिदिन सायं कला केंद्र से पारंपरिक कुंजड़ी मल्हार गायन प्रस्तुत किया जाएगा। जिसे केबल नेटवर्क व अन्य माध्यमों से भी प्रसारित किया जाएगा ताकि लोग घर बैठे इसका आनंद ले पाएं। चौगान मैदान में अंदर जाने के लिए अन्य लोगों को अनुमति नहीं रहेगी।
उपायुक्त विवेक भाटिया ने कहा कि मिंजर के शुभारंभ और समापन को परंपराओं के अनुसार आयोजित करने को लेकर जो अंतिम रूप रेखा तय होगी उसमें कोरोना वायरस संक्रमण के पहलुओं पर भी ध्यान रखा जाएगा। बैठक के दौरान मणिमहेश यात्रा को लेकर भी चर्चा की गई और इसके आयोजन को लेकर गैर सरकारी सदस्यों ने अपने सुझाव रखे। प्रारंभिक तौर पर मणिमहेश यात्रा को भी पारंपरिक रस्मों के मुताबिक आयोजित करने को लेकर सहमति बनी। उपायुक्त ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर को कहा कि भरमौर के विधायक की अध्यक्षता में भी यात्रा के स्वरूप को लेकर बैठक आयोजित करने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पवित्र मणिमहेश डल झील(Manimahesh Dal Lake) में भी श्रद्दालु इस बार आस्था की डुबकी नहीं लगा पाएंगे। भरमौर में बुधवार को संपन्न हुई बैठक में यात्रा के स्वरूप को लेकर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता विधायक जिया लाल कपूर ने की। बैठक में एडीएम भरमौर पृथीपाल सिंह भी मौजूद रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस बार मणिमहेश के लिए श्रद्दालुओं की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। जबकि यात्रा का आगाज रस्मी तौर पर किया जाएगा और समापन भी इसी तरह होगा।
बैठक में जहां मिंजर मेले का रस्मी तौर पर आयोजन करने पर सहमति बनी तो वहीं, दूसरी तरफ प्रारंभिक दृष्टि में मणिमहेश यात्रा भी इसी तरह होने का फैसला लिया गया था। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अंतिम फैसला भरमौर प्रशासन पर छोड़ा था। बहरहाल, बुधवार को यह साफ हो गया कि इस बार मणिमहेश यात्रा में श्रद्दालुओं की आवाजाही नहीं होगी। कोरोना काल की भेंट पहले जहां मिंजर मेला चढ़ा तो वहीं, यात्रा भी कोरोना के चलते रस्मी तौर पर आयोजित होगी।